भारत में 2028 तक अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडीविजुअल्स की संख्या में सबसे ज्यादा ग्रोथ होगी. नाइट फ्रैंक LLP की रिपोर्ट के मुताबिक इनकी संख्या में 50.1% का उछाल आने की उम्मीद है. इनकी संख्या 2023 में 13,263 से बढ़कर 2028 में 19,908 पर पहुंच सकती है. ग्लोबली अगले पांच साल में अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडीविजुअल्स की संख्या में बढ़तरी 28.1% रहेगी, जबकि एशिया में 38.3% के इजाफे का अनुमान है.
भारत के बाद इस मामले में मेनलैंड चीन (47%), तुर्की (42.9%) और मलेशिया (34.6%) आते हैं. द वेल्थ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2028 तक एशिया-पैसेफिक में किसी अन्य क्षेत्र के मुकाबले ज्यादा दौलत बनेगी.
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि दौलत की मोबिलिटी बढ़ने के साथ अहम सवाल ये है कि भविष्य में ग्रोथ केवल इन क्षेत्रों में बनी रहेगी या यूरोप, ऑस्ट्रेलेया या उत्तर अमेरिका की ओर भी वेल्थ क्रिएटर्स जाएंगे.
लंदन बेस्ड हेन्ले एंड पार्टनर्स ने पाया कि भारतीय HNWIs जो भारत से दुनिया के दूसरे देशों में गए हैं, उनकी संख्या 2022 में दूसरी सबसे ज्यादा रही. संसद में पिछले साल रखे गए डेटा के मुताबिक 2 लाख से ज्यादा भारतीयों ने 2022 में अपनी नागरिकता छोड़ दी.
UHNWIs की संख्या दुनियाभर में सालाना 4.2% बढ़कर 2023 में 6,26,619 पर पहुंच गई. इसमें आर्थिक ग्रोथ और मुख्य निवेश के क्षेत्रों में सुधार ने मदद की. भारत में पिछले साल अल्ट्रा रिच की संख्या में 6.1% की बढ़ोतरी हुई.
उत्तरी अमेरिका में 7.2% और मिडिल ईस्ट में 6.2% की बढ़ोतरी देखने को मिली. लातिन अमेरिका ही एकमात्र क्षेत्र रहा जहां अमीर लोगों की आबादी में गिरावट देखने को मिली.