एप्पल (Apple) के नए आईफोन 16 की बिक्री 20 सितंबर यानी आज से भारत में शुरू हो गई है. और इसके साथ ही आईफोन को लेकर लोगों की दिवानगी की कहानियों में एक और चैप्टर जुड़ गया. दुनियाभर में लोग इसे खरीदने के लिए घंटो और तो कुछ मामलों में कई दिनों तक लाइनों में खड़े रहते हैं. हमारे यहां इसे लेकर कुछ ऐसी ही दिवानगी है. इसे खरीदने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है. दिल्ली और मुंबई के एप्पल स्टोरों के बाहर तो लोग गुरुवार से ही लाइन लगाकर खड़े हुए हैं. भारत में iPhone 16 के लिए लोगों का क्रेज देखने को मिल रहा है.
एप्पल (Apple) ने नए सीरीज में A18 बायोनिक चिप के साथ iPhone 16, iPhone 16 Plus, iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max की बिक्री शुरू की है. कंपनी ने 9 सितंबर को AI फीचर्स के साथ आईफोन 16 सीरीज को लॉन्च किया था.
आईफोन 16 सीरीज की बिक्री शुरू होते ही इसके कई मुरीद देश के अलग-अलग राज्यों से दिल्ली और मुंबई के एप्पल स्टोर पर पहुच रहे हैं. कोई आईफोन पाने के लिए 21 घंटे तो कोई 17 घंटे लाइन में खड़ा रहा.
आईफोन 16 के बेस वेरिएंट में 128 GB स्टोरेज है और ये 79,900 रुपये में मिल रहा है. जबकि आईफोन 16 प्लस के 128GB वेरिएंट की कीमत 89,900 रुपये है. दोनों डिवाइस 256GB और 512GB स्टोरेज का भी विकल्प उपलब्ध हैं. आईफोन 16 लाइनअप ब्लैक, पिंक, टील, अल्ट्रामरीन, व्हाइट कलर ऑप्शन में उपलब्ध है.
वहीं, 128GB स्टोरेज वाले आईफोन 16 प्रो की कीमत 1,19,900 रुपये और आईफोन 16 प्रो मैक्स के 256GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 1,44,900 रुपये से शुरू होती है. इस फोन को 512GB और 1TB स्टोरेज के साथ भी खरीदा जा सकता है. प्रो मॉडल ब्लैक टाइटेनियम, डेजर्ट टाइटेनियम, नेचुरल टाइटेनियम और व्हाइट टाइटेनियम रंगों में उपलब्ध हैं।
iPhone 16 Pro मॉडल्स में फ्लैगशिप A18 चिप है, जो TSMC के 3nm प्रोसेस पर बिल्ट है. चिप में 17% ज्यादा सिस्टम मेमोरी होगी. iPhone 16 में मौजूद A18 चिप उसके सभी प्रतिद्वंद्वियों से ज्यादा तेज है. ये टॉप डेस्कटॉप मॉडल्स से भी बेहतर है. इसे एप्पल के इंटेलिजेंस फीचर्स के मुताबिक डिजाइन किया गया है. पिछले साल के iPhone 15 के मुकाबले ये 40% बेहतर परफॉर्मेंस देता है.
लेटेस्ट iPhones हाल ही में लॉन्च हुए एप्पल इंटेलिजेंस को भी सपोर्ट करेंगे. इस टूल की मदद से यूजर्स आसानी से लिख, बातचीत और टास्क पूरे कर सकेंगे. सॉफ्टवेयर की मदद से यूजर एक्सपीयरिंस को बेहतर बनाया जाता है. इसके साथ ही AI में हाई प्राइवेसी स्टैंडर्स बरकरार रहते हैं.