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इतिहास रचने को तैयार ISRO का Aditya-L1 अंतरिक्ष यान, आज अपनी आखिरी मंजिल तक पहुंचेगा

ISRO अधिकारियों के मुताबिक, अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (L 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचेगा.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:13 PM IST, 06 Jan 2024NDTV Profit हिंदी
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भारत की स्पेस एजेंसी ISRO ने एक और इतिहास रच दिया है. सूर्य के रहस्यों की खोज के मिशन पर निकले ISRO के आदित्य L-1 ने लैग्रेंज प्वाइंट-1 (L1) पर पहुंच कर इतिहास के पन्नों में एक नए कीर्तिमान का स्थापित कर लिया है.

इस ऑर्बिट में जहां ये स्थापित हुआ है, जिसे Halo Orbit कहा जाता है, यहां पर आदित्य L-1 दो साल तक सूरज के रहस्यों पर रिसर्च करेगा और दुनिया को सूरज के बारे में वो जानकारियां देगा जिनसे अभी तक सब अनजान हैं.

आदित्य L1 सूर्य का अध्ययन करने वाला देश का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन है. ये पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर अपने फाइनल डेस्टिनेशन हेलो ऑर्बिट (Halo Orbit) में पहुंचा है.

ISRO की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए X पर लिखा है कि 'भारत ने एक और मील का पत्थर हासिल किया. भारत की पहली सोलर ऑब्जरवेटरी आदित्य-L 1 अपनी मंजिल तक पहुंच गया. यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.

शाम 4 बजे ऑर्बिट में पहुंचेगा Aditya-L1

ISRO अधिकारियों के मुताबिक, अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (L 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचेगा. ‘L1 प्वाइंट’ पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग 1% है. उन्होंने बताया कि ‘L1 प्वाइंट’ के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके असर का निरीक्षण करने में अधिक फायदा मिलेगा.

ISRO के अधिकारी ने बताया कि ‘शनिवार शाम लगभग 4 बजे Aditya-L1 को L1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचा दिया जाएगा. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो संभावना है कि ये शायद सूर्य की ओर अपनी यात्रा जारी रखेगा.'

ISRO के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLC-C57) ने दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के दूसरे प्रक्षेपण केंद्र से आदित्य-L1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था.

PSLV ने 63 मिनट और 20 सेकेंड की उड़ान के बाद उसने पृथ्वी की आसपास की अंडाकार कक्षा में PSLV को स्थापित किया था.

अधिकारियों ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (CME), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है.

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