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MUDA SCAM: हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया की याचिका खारिज की, कर्नाटक CM की जांच से जुड़ा राज्यपाल का आदेश बरकरार

राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने MUDA स्कैम में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच को मंजूरी दी थी, जिसे सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:07 PM IST, 24 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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कर्नाटक हाई कोर्ट ने कथित MUDA (मैसूरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ा झटका दिया है. दरअसल राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच को मंजूरी दी थी, जिसे सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

मंगलवार को मामले में सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी.

हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि 'राज्यपाल ने पूरी समझ का इस्तेमाल करते हुए जांच की जाने की अनुमति दी है. उनके काम और आदेश में कोई दोष नहीं पाया गया है.'

क्या है पूरा मामला?

बेंगलुरु के सोशल एक्टिविस्ट प्रदीप कुमार SP और TJ अब्राहम के साथ-साथ मैसूरु के एक्टिविस्ट स्नेहामायी कृष्णा ने मामले में शिकायत दर्ज कराई थी.

आरोपों के मुताबिक MUDA ने मैसूरु की प्राइम लोकेशन पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी के नाम पर 14 प्लॉट अवैध तरीके से आवंटित किए हैं.

19 अगस्त की सुनवाई में हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया को अंतरिम आदेश में राहत दी थी. हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के एक स्पेशल कोर्ट को सुनवाई आगे बढ़ाने का आदेश दिया था, साथ ही गवर्नर द्वारा दी गई मंजूरी से जुड़ा कोई भी आदेश हड़बड़ी में ना देने का निर्देश दिया था.

दरअसल सिद्धारमैया ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट के सामने राज्यपाल की मंजूरी की वैधानिकता पर सवाल उठाए थे और इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया था.

सिद्धारमैया के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के सेक्शन 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के सेक्शन 218 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

31 अगस्त को गवर्नर ऑफिस ने कोर्ट से कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ अच्छी तरह से सोचने-समझने (एप्लीकेशन ऑफ माइंड) के बाद ही जांच और मुकदमा करने की मंजूरी दी गई थी. इसके बाद आज हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया.

सिद्धारमैया ने दी प्रतिक्रिया

वहीं सिद्धारमैया ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगले कुछ दिनों में सच सामने आ जाएगा और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के सेक्शन 17A के तहत होने वाली जांच खारिज हो जाएगी.

सिद्धारमैया ने आगे कहा, 'राज्य के लोग मेरे साथ हैं. ये BJP की रिवेंज पॉलिटिक्स के खिलाफ लड़ाई है. BJP और JDS की राजनीतिक लड़ाई के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा. कांग्रेस के सभी विधायक, नेता और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हमारा हाई कमांड मेरे साथ खड़ा है.'

वहीं उपमुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया है. वे किसी भी स्कैम में शामिल नहीं है. ये BJP की राजनीतिक साजिश है, जो देश के तमाम विपक्षी नेताओं के खिलाफ हो रही है. पूरी पार्टी उनके साथ है.'

कांग्रेस को रहना होगा सतर्क

इस समय कांग्रेस की फुल फ्लैज्ड सरकार सिर्फ 2 राज्यों में हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं. ऐसे में कर्नाटक में बड़ा राजनीतिक उथल-पुथल पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

कर्नाटक में बीते सालों में गठबंधन की राजनीति अहम हो गई है. JDS, BJP और कांग्रेस दोनों के साथ ही गठबंधन में रहकर सरकार चला चुकी है. पिछले कार्यकाल में भी सिद्धारमैया, HD कुमारास्वामी के साथ लंबे वक्त तक समन्वय नहीं बैठा पाए थे और आखिरकार सरकार गिर गई थी.

फिर कांग्रेस के अंदर भी दो खेमे हैं. DK शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार थे. लेकिन गद्दी अनुभव के आधार पर सिद्धारमैया को मिली. कहने का मतलब है कि कांग्रेस बड़ी मुश्किल से मौजूदा समीकरण बैठा पाई है. अगर ज्यादा हलचल होती है, तो कर्नाटक में सियासी ऊंट कब करवट बदल ले, कोई कह नहीं सकता.

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