सेंसेक्स 0.62% या 511 अंक गिरकर 81,897 पर बंद हुआ.निफ्टी 0.56% या 140 अंक गिरकर 24,972 पर बंद हुआ..आज शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली, लेकिन इसके बावजूद Ideaforge और Apollo Micro जैसी स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों के शेयर 10% से ज्यादा चढ़ गए. 1. अर्निंग ग्रोथ और सेक्टर सपोर्टइन कंपनियों की कमाई में लगातार तेजी आ रही है. साथ ही डिफेंस जैसे सेक्टर में बढ़ती सरकारी डिमांड भी इन्हें सहारा दे रही है.2. विदेशी निवेशकों की कम बिकवालीस्मॉल और मिडकैप शेयरों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली बहुत कम है, जिससे ग्लोबल मंदी का असर इन पर कम पड़ रहा है.3. रिटेल और म्यूचुअल फंड्स का मजबूत भरोसाघरेलू निवेशक, फैमिली ऑफिस और म्यूचुअल फंड लगातार पैसा लगा रहे हैं, जिससे इन कंपनियों में लिक्विडिटी बनी हुई है.4. युद्ध का असर सीमित रहने की उम्मीदविशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा युद्ध या भू-राजनीतिक तनाव का असर शेयर बाजार पर ज्यादा देर तक नहीं टिकेगा.5. बाजार में अब भी तेजी की उम्मीदविशेषज्ञों का कहना है कि लंबी अवधि में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी बनी रह सकती है..अदाणी एंटरप्राइजेज ने 5 मेगावाट क्षमता का देश का पहला ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्लांट शुरू किया है. ये भारत के 'नेशनल हाइड्रोजन मिशन' को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. .ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी फोनपे ने भारत में अपने IPO के जरिए 1.5 बिलियन डॉलर जुटाने की तैयारी में है. .जानकारों का कहना है कि अमेरिका, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव जैसी वैश्विक राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण बाजार में यह तेज गिरावट आई है.सकारात्मक पक्ष: हालांकि, जानकारों का ये भी मानना है कि भारत की अपनी इकोनॉमी मजबूत है और रिजर्व बैंक (RBI) ने बाजार में पैसे का प्रवाह बनाए रखने के लिए जो कदम उठाए हैं, उनसे और ज्यादा गिरावट की आशंका कम है.RBI का सहारा: अर्थशास्त्रियों का कहना है कि RBI के हाल ही में लिए गए कुछ फैसले (जैसे CRR में कटौती) इस बात का संकेत हैं कि वो अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए तैयार है.विदेशी निवेशकों का हाल: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने, जिन्होंने मई में ₹19,860 करोड़ का निवेश किया था, जून में अब तक ₹4,192 करोड़ निकाल लिए हैं. वे दुनिया के हालातों को देखकर सावधानी बरत रहे हैं.मार्केट वॉलेटिलिटी इंडेक्स: वैश्विक चिंताओं के बावजूद, इंडिया VIX 4% गिरकर 13.67 पर आ गया, जो बताता है कि बाजार में डर का माहौल कुछ कम हो रहा है.सुधार की उम्मीद: डेरिवेटिव्स के आंकड़े बताते हैं कि बाजार में जल्द ही स्थिरता आ सकती है और फिर सुधार की उम्मीद है.