डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में UPI का बड़ा योगदान रहा है. ये सुविधाजनक तो है ही, सबसे बड़ी बात है कि UPI ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगता. लेकिन इस पर चार्ज लिया जाने लगा तो क्या आप इसका इस्तेमाल करना जारी रखेंगे?
लोकलसर्कल्स (LocalCircles) ने हजारों लोगों से यही सवाल किया. करीब 73% लोगों ने कहा कि अगर UPI पेमेंट पर चार्ज लगाया गया तो वे इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे.
दरअसल, UPI ट्रांजैक्शन को सस्टेनेबल बनाने के लिए कुछ स्टेकहोल्डर्स इसे चार्ज लगाने की वकालत कर रहे हैं. पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर UPI ट्रांजैक्शन पर 0.3% मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लागू करने की मांग की है. PCI ने रूपे डेबिट कार्ड पर भी एक निश्चित MDR स्ट्रक्चर लागू करने की सिफारिश की है.
MDR वो शुल्क होता है, जो व्यापारी (मर्चेंट) बैंक या पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों को भुगतान प्रक्रिया के लिए देते हैं. अभी UPI पर ये शुल्क नहीं लगता, जबकि क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर व्यापारियों को यह चार्ज देना पड़ता है, जिसे वे कई बार ग्राहकों पर डाल देते हैं.
UPI ट्रांजैक्शन में पिछले 5 वर्षों में 89.3% की सालाना ग्रोथ (वॉल्यूम में) और 86.5% की सालाना ग्रोथ (वैल्यू में) देखी गई है.
2019 में डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में UPI की हिस्सेदारी 34% थी, जो 2024 में बढ़कर 83% हो गई.
2024 में भारत में 208.5 अरब डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन हुए, जिनमें से 17,221 करोड़ ट्रांजैक्शन UPI के माध्यम से हुए.
लोकलसर्कल्स के सर्वे में 376 जिलों से 32,000 से अधिक UPI यूजर्स ने भाग लिया. सर्वे में शामिल 40% यूजर्स ने बताया कि पिछले 12 महीनों में किसी न किसी ट्रांजैक्शन पर उनसे चार्ज लिया गया है. 37% यूजर्स ने ट्रांजैक्शन चार्ज लगने की शिकायत की थी, जो 2025 में बढ़कर 40% हो गई.
73% लोगों ने कहा कि वे इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे
सिर्फ 25% लोग ट्रांजैक्शन चार्ज देने को तैयार हैं
73% – UPI पर कोई चार्ज नहीं होना चाहिए
12% – हर ट्रांजैक्शन पर एक फिक्स चार्ज
11% – एक तय सीमा तक फिक्स चार्ज और उसके ऊपर ट्रांजैक्शन वैल्यू के हिसाब से चार्ज
2% – ट्रांजैक्शन के प्रतिशत के आधार पर चार्ज
विशेषज्ञों का कहना है कि UPI का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें महंगे POS मशीन की जरूरत नहीं पड़ती और केवल एक QR कोड से ट्रांजैक्शन हो सकता है. अगर सरकार चार्ज लागू करती है, तो व्यापारी यह बोझ ग्राहकों पर डाल सकते हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.
केंद्रीय बैंक RBI ने 2022 में UPI पर चार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार ने इसे डिजिटल पब्लिक गुड बताते हुए खारिज कर दिया. हालांकि, RBI की पेमेंट्स विजन 2025 रिपोर्ट में डिजिटल पेमेंट को सस्टेनेबल बनाने के लिए शुल्क लगाने की रणनीति का सुझाव दिया गया है.
UPI इस्तेमाल करने वाले करोड़ों भारतीयों के लिए ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या डिजिटल ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगेगा? सरकार फिलहाल इस पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दे रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि भविष्य में इस पर कोई नई नीति आ सकती है. लोकलसर्कल्स इस सर्वे के नतीजे वित्त मंत्रालय और RBI को सौंपने की तैयारी में है.