सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने अदाणी ग्रुप पर अमेरिका में लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये आरोप, बगैर सबूतों के लगाए गए हैं.
जेठमलानी ने कहा कि अदाणी ग्रुप पर ऐसे आरोप लगाकर देश के विकास को रोकने की साजिश की जा रही है. उन्होंने इसके साथ ही कांग्रेस पर भी बेवजह की राजनीति करने के आरोप लगाए.
महेश जेठमलानी ने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप पर इस तरह के आरोप जानबूझकर लगाए जाते हैं. इन आरोपों को लगाने का सिर्फ एक ही मकसद होता है कि किसी तरह से अदाणी ग्रुप के शेयर के भाव को कम किया जा सके. ताकि कंपनी के साथ-साथ निवेशकों को नुकसान हो.
उन्होंने कहा, 'पिछली बार भी जब ऐसा हुआ था तो कुछ समय तक शेयर के भाव कम हुए थे और जब ये साबित हो गया था कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है तो शेयरों में तेजी देखी गई थी. इस बार भी बगैर सबूत के ऐसा किया जा रहा है.'
जेठमलानी ने इस मामले में कांग्रेस पर भी बेवजह की राजनीति करने और इसे मुद्दा बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस मामले में बैगर सबूत देखे ही सिर्फ भ्रामक जानकारी फैलाई. उनकी वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
उन्होंने कहा, 'मैं साफ कर देना चाहता हूं कि संसद में कांग्रेस JPC की जो मांग कर रही है, वो पूरी तरह से गलत है. मैं ये इसलिए कह रहा हूं कि क्योंकि अभी तक जो डॉक्यूमेंट सामने आए हैं उनमें कहीं से भी अदाणी ग्रुप के खिलाफ सबूत नहीं हैं. ऐसे में बगैर सबूत के ही ऐसे आरोप लगा देना पूरी तरह से गलत होगा.'
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी दुबे ने स्पष्टीकरण के बाद कहा, 'जो लोग तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं और भारत को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.'
उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों पर एक भारतीय बिजनेसमैन की छवि को खराब करने के लिए मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.