अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर हो रही कार्रवाइयों के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका हो या कोई दूसरा देश, बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे भारतीयों की स्वदेश वासपी में मंत्रालय हर जरूरी मदद करेगा. बशर्ते उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता के समर्थन में डॉक्युमेंट प्रस्तुत करने होंगे.
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप युग शुरू होने के बाद अवैध प्रवासियों का मुद्दा चर्चा में है. ट्रंप इस मुद्दे पर काफी एग्रेसिव रहे हैं. अवैध प्रवासियों को पकड़ कर उन्हें निर्वासित किया जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत हमेशा से अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ रहा है. उन्होंने कहा, 'हम अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ इसलिए भी हैं, क्योंकि ये संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है.'
उन्होंने कहा, 'सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीयों के लिए, अगर वे भारतीय नागरिक हैं और वे तय समय से ज्यादा समय तक रह रहे हैं, या वे बिना वैध डॉक्युमेंट के रह रहे हैं तो हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते वे हमारे साथ डॉक्युमेंट साझा करें ताकि उनकी नागरिकता की पुष्टि हो सके. हम उन्हें भारत वापस लाने में मदद करेंगे.'
NDTV की ओर से कादंबिनी शर्मा ने सवाल किया कि अमेरिका में वीजा प्रोसेसिंग में करीब 400 दिनों का वक्त लगता है, जिससे कई तरह के नुकसान हो रहे हैं. इस संबंध में क्या अमेरिका से बातचीत हुई है या हो रही है?
इस सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने देखा है कि कोविड के बाद से वीजा में काफी समय लग रहा था, खासकर अमेरिकी वीजा में. आज भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. हम वहां की सरकार से इस पर बात करते रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'अगर वीजा देने में सहूलियत रहेगी तो आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते मजबूत होंगे. हमारे विदेश मंत्री ने अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो के समक्ष भी इस विषय को रखा है.'
ट्रंप और टैरिफ के सवाल पर उन्होंने कहा, 'भारत और अमेरिका के संबंध बहुत मजबूत हैं. दोनों देशों के संबंधों में गहरा विश्वास है. दोनों देशों की तरफ से ये मंशा है कि इस रिश्ते को और मजबूत किया जाएगा. बड़ी सोच के साथ आगे ले जाया जाएगा.'
रणधीर जायसवाल ने कहा, 'भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के लिए कई समझौते हुए हैं. ये इसलिए जरूरी है, ताकि अपराधिक घटनाओं को रोका जा सके. हम चाहते हैं कि बांग्लादेश के साथ सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जो समझौते हुए हैं, वो सकारात्मक तरीके से लागू हो. दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के अनुसार ही सीमा के दोनों ओर बाड़ लगाई जा रही है.'
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के विशाल बांध बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'चीन के मेगा हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर भारत ने अपनी चिंता वहां की सरकार के सामने रखी है. हमारा मानना है कि हमारे कंसर्न पर अमल किया जाएगा.'