लोकसभा चुनाव 2024 के बारे में मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी को लेकर मेटा (Meta India) ने माफी मांग ली है. जुकरबर्ग ने कहा था कि 2024 में जिन देशों में चुनाव हुए, वहां निवर्तमान सरकारें हार गईं. भारत के संबंध में उनका ये बयान पूरी तरह गलत था, जिसके लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेटा की क्लास लगाई थी. वहीं संसदीय समिति ने भी मेटा को तलब किए जाने का फैसला लिया है.
मुश्किलें बढ़ती देख मेटा इंडिया ने इस संबंध में माफी मांग ली है. मेटा इंडिया के वाइस प्रेसिडेंड (पब्लिक पॉलिसी) शिवनाथ ठुकराल ने अश्विनी वैष्णव की पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए जुकरबर्ग के बयान को अनजाने हुई गलती बताया और इसके लिए माफी मांगी.
उन्होंने लिखा, 'माननीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मार्क जुकरबर्ग का ये अवलोकन कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से निर्वाचित नहीं हुईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के लिए नहीं. हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं. भारत, मेटा के लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके अभिनव भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं.'
इससे पहले 13 जनवरी को अश्विनी वैष्णव ने X पर जकरबर्ग की आलोचना की थी. उन्होंने लिखा था, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने 64 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के साथ 2024 का चुनाव करवाया था. भारत के नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में NDA के नेतृत्व पर फिर से भरोसा जताया था. मिस्टर जकरबर्ग का ये दावा कि भारत समेत ज्यादातर निर्वतमान सरकारें कोविड के बाद हुए चुनावों में हार गईं, ये तथ्यात्मक तौर पर गलत है. ये बेहद दुखद करने वाला है कि जकरबर्ग खुद भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं.'
संसद की संचार और सूचना प्रौद्योगिकी स्थाई समिति ने इस मामले में मेटा को तलब करने का फैसला लिया. समिति के प्रमुख सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी X प्रोफाइल पर लिखा, 'मेरी कमिटी इस गलत जानकारी के लिए मेटा को बुलाएगी. किसी भी लोकतांत्रिक देश की गलत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है. इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा यहां की जनता से उस संस्था को माफ़ी मांगनी पड़ेगी'
10 जनवरी को 'जो रोगन पॉडकास्ट' में शिरकत करते हुए जकरबर्ग ने भारतीय चुनावों पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, 'चुनावों के लिहाज से साल 2024 एक बड़ा साल था. भारत समेत कई देशों में चुनाव हुए. सभी निर्वतमान सरकारें चुनाव हार गईं. ये एक वैश्विक चलन रहा- चाहे ये महंगाई के चलते हो या कोविड से निपटने वाली आर्थिक नीतियों या जैसे सरकारों ने कोविड से निपटने के तरीके अपना. ऐसा लगता है कि इन प्रभावों का असर पूरी दुनिया पर पड़ा.'
जाहिर है कि ये कमेंट तथ्यात्मक तौर पर गलत है, क्योंकि PM मोदी के नेतृत्व में NDA ने भारत में आम चुनाव जीता है और लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है.