वैष्णवी कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस की मालिक रहीं नीरा राडिया ने NDTV Profit के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रतन टाटा के साथ अनुभवों पर खुलकर बात रखी है. इस दौरान उन्होंने नैनो और इसकी प्राइसिंग पर भी बात की.
नीरा राडिया ने कहा कि जब नैनो उम्मीदों के मुताबिक सफल नहीं हो पाई तो रतन टाटा निराश हुए थे.
पश्चिम बंगाल में विरोध के बाद टाटा नैनो का प्लांट गुजरात पहुंच गया था. लेकिन बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया ना मिलने के चलते 2018 में नैनो का उत्पादन बंद कर दिया गया.
ये बीते 12 साल में पहली बार है, जब नीरा राडिया ने किसी मीडिया हाउस से विस्तार से बात की है.
राडिया की कंपनी वैष्णवी कम्युनिकेशंस अब बंद हो चुकी है. नीरा राडिया की कंपनी ने 2000 से 2012 तक टाटा ग्रुप के पब्लिक रिलेशंस संभाले. इस दौरान नीरा राडिया को टाटा के काम करने की शैली के बारे में गहन अनुभव मिला.
नीरा ने कहा, 'जैसे ही रतन टाटा ने हम सभी (तत्कालीन उच्च अधिकारियों) को बताया कि वे 1 लाख रुपये की कार बनाना चाहते हैं, हम सभी भौंचक्के होकर बस उन्हें ही देखते रह गए.'
राडिया के मुताबिक, 'रतन टाटा का सपना हमेशा भारत के लोगों के कल्याण के बारे में रहता था. मुझे लगता है कि उन्होंने 1 लाख रुपये का पूरा गणित लगा लिया था, इसलिए ये नंबर हमारे सामने आया.'
रतन टाटा से राडिया की पहली मुलाकात तब हुई जब टाटा ग्रुप एविएशन के कारोबार में उतरना चाह रहा था. 1998-99 में सिंगापुर एयरलाइंस के सलाहकार के रूप में उन्होंने एयर इंडिया के लिए टाटा की बोली पर चर्चा की.
शुरू में उन्हें मिलने के लिए सिर्फ 20 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन ये बैठक कई घंटों तक बढ़ गई क्योंकि टाटा के दूरदर्शी नजरिए से राडिया काफी प्रभावित हुईं. यही नहीं रतन टाटा बातचीत में उनकी जानकारी और बातचीत की गहराई की काफी तारीफ भी की. ये मुलाकात ही वैष्णवी कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस और टाटा ग्रुप की कामकाजी रिश्ते की बुनियाद बनी.