नीति आयोग के पूर्व CEO और G20 शेरपा अमिताभ कांत का मानना है कि 21वीं सदी भारत की है, जो ग्लोबल साउथ के साथ मिलकर ज्यादातर ग्लोबल ग्रोथ को रफ्तार देगा. उन्होंने इसके लिए तमाम IMF और वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों का डेटा भी पेश किया.
NDTV World Summit 2024 के दूसरे दिन अमिताभ कांत के साथ हुए सेशन में भारत के डेमोग्रेफिक डिविडेंड, AI, डिजिटलाइजेशन, सेमीकंडक्टर, ग्लोबल साउथ समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई.
जब कांत से इंडिया सेंचुरी के मायने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'भारत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. आज भारत एकमात्र देश है, जो 35 किलोमीटर रोड, 12 किलोमीटर रेल रोज बना रहा है, 50% फास्ट पेमेंट भारत में हो रहे हैं, 9 एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन और 3 मेट्रो सालाना बन रही हैं. मतलब ऐसा आज दुनिया में कहीं नहीं हो रहा है, सिर्फ भारत में हो रहा है. इसलिए ये भारत का दशक नहीं, बल्कि इंडिया सेंचुरी होगी.'
कांत ने इस धारणा को पूरी तरह खारिज किया कि AI के आने से नौकरियों में कमी आएगी. उन्होंने कहा, 'AI नई तरह की नौकरियां लेकर आएगा. इसलिए अब हमें इस सेक्टर के लिए ज्यादा कुशल लोगों को ट्रेंड करना है.'
उन्होंने ये जोर भी दिया कि सिर्फ बड़े लैंग्वेज मॉडल्स पर फोकस करने के बजाए AI का इस्तेमाल लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी होना चाहिए.
कांत के मुताबिक, 'जब हम आत्म निर्भरता के बारे में बात करते हैं, तो इसका ग्लोबल वैल्यू चेन के बारे में होता है. आपको 2047 में 30 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनना है, मतलब आपकी GDP को 9 गुना बढ़ना है, मैन्युफैक्चरिंग को 16 गुना बढ़ना है, इसे हासिल करने के लिए भारत को गहराई से ग्लोबल वैल्यू चेन का हिस्सा बनना होगा. मतलब आपको 12 स्टेट चाहिए जो सालाना 10% की दर से बढ़ें. ये हमारे सामने चैलेंज है.'
कांत ने ग्लोबल सप्लाई चेन के बाधित होने की भी बात कही. उन्होंने कहा, 'ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित हैं. क्योंकि अमेरिका ने इलेक्ट्रिकल व्हीकल, सोलर बैटरीज जैसी चीजों पर बेतहाशा ड्यूटी लगाई है. जबकि चीन में सरकार के समर्थन से वहां की कंपनियां ओवरसप्लाई करती हैं, इसलिए 70% सप्लाई चेन पर चीन का कब्जा है. इसे चुनौती देनी होगी.'
कांत ने डिजिटल इनोवेशन के लिए ओपन सोर्स API मॉडल की वकालत की. उन्होंने कहा कि G20 के दौरान भारत द्वारा अपनाए गए इस मॉडल की बाकी दुनिया ने तारीफ की. दरअसल इस मॉडल में डेटा का स्वामित्व यूजर के पास होता है, जबकि बाकी देशों में ये बड़ी कंपनियों के पास है.
वहीं सेमीकंडक्टर में आत्म निर्भरता की जरूरत को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में देश दूसरे देशों पर चिप के लिए निर्भर नहीं हो सकते. इसलिए भारत सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर मिशन चलाया है.
आज भारत की 65% आबादी 35 साल की उम्र के नीचे है. जब इस डिविडेंड के सही उपयोग से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'भारत सर्विसेज के दम पर ग्रो नहीं कर सकता, मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना होगा. भारत को एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी बढ़ानी होगी. आज 45% लोग इस पर निर्भर हैं, जो बहुत ज्यादा है. अगले 5 दशकों में करोड़ों लोग शहरों में होंगे. इस नई युवा आबादी को नए एरिया में भेजना होगा. सरकार द्वारा AI, ML, सेमीकंडक्टर जैसे मिशन-कार्यक्रम इसलिए ही चलाए जा रहे हैं.'