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NDTV World Summit 2024 Live: अमिताभ कांत बोले- भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का बड़ा और अहम हिस्सा बनाना होगा

आज इस समिट के दूसरे दिन G20 शेरपा अमिताभ कांत, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून समेत कई दिग्‍गज शामिल होंगे.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:07 PM IST, 22 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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देश के सबसे भरोसेमंद न्‍यूज ब्रैंड NDTV नेटवर्क के प्रमुख कार्यक्रम, 'NDTV वर्ल्‍ड समिट 2024- द इंडिया सेंचुरी' का आज दूसरा दिन है. सोमवार को प्रधानमंत्री ने इस समिट और NDTV नेटवर्क के नए चैनल NDTV World का उद्घाटन करने के बाद 'द इंडिया सेंचुरी' पर अपना दूरदर्शी विजन साझा किया था.

PM मोदी ने कहा था कि कैसे दुनिया में चिंताओं के बीच भारत में चिंतन हो रहा है और भारत पूरी दुनिया के लिए उम्‍मीद बन कर उभरा है. उनके अलावा, कई ग्‍लोबल लीडर्स और देश-दुनिया के दिग्‍गजों ने अपनी बात रखी.

आज इस समिट के दूसरे दिन G20 शेरपा अमिताभ कांत, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून, डेलॉयट इंडिया के निदेशक कुंतल शाह, ग्रो के को-फाउंडर और CEO ललित केशरे, वरिष्ठ पत्रकार और पश्चिम एशिया रणनीतिकार डॉ अव्वाद के अलावा कई दिग्गज शामिल हो रहे हैं. तो बने रहिए हमारे साथ, यहां आपको मिलेगी पूरी अपडेट.

AI से नौकरियां जाएंगी नहीं, बल्कि नए तरह की नौकरियां पैदा होंगे: अमिताभ कांत

AI को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. AI से नौकरियां जाएंगी नहीं, बल्कि नए तरह की नौकरियां पैदा होंगी. इसके सकारात्मक इस्तेमाल की जरूरत.

ISRO को एक फैसिलिटेटर बनने की जरूरत है, उसे नए स्टार्टअप्स को सैटेलाइट और रॉकेट लॉन्च करने का प्लेटफॉर्म बन जाना चाहिए.

भारत ग्रीन हाइड्रोजन की लागत को घटाकर 1 डॉलर तक लाएगा और देश आने वाले दिनों में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी एक्सपोर्टर बनेगा

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भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का बड़ा और अहम हिस्सा बनाना होगा: अमिताभ कांत

भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन का बड़ा और अहम हिस्सा बनाना होगा, देश को आत्मनिर्भरता बनाने का मतलब है कि उसे ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ना होगा.

देश की इकोनॉमी को 3 ट्रिलियन से बढ़ाकर 30 ट्रिलियन तक पहुंचाने के लिए प्रति व्यक्ति आय को 8 गुना, GDP को 9 गुना और मैन्युफैक्चरिंग को 30 गुना करना होगा.

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फिलहाल सबसे बड़ी चिंता भूराजनीतिक बाधाएं हैं: दीपाली गोयनका

आज भारत सभी ग्लोबल रिटेलर्स के लिए सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन चुका है

- भारत इस समय बहुत शानदार स्थिति में है. अगले 30 सालों तक भारत की श्रमशक्ति सबसे युवा रहेगी.

- चीन लंबे समय से दुनिया की उत्पादन फैक्ट्री रहा है. लेकिन अब हमारे लोग प्रशिक्षित और कुशल हो चुके हैं. हमने सप्लाई चेन का स्वदेशीकरण कर लिया है

- सस्टेनेबिलिटी महंगी नहीं पड़ती. कच्छ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए हम ताजा पानी उपलब्ध कराने में सफल हुए, इससे किसानों को लाभ हुआ है

फिलहाल सबसे बड़ी चिंता भूराजनीतिक बाधाएं हैं. भारत ग्रोथ कर रहा है, लेकिन लाल सागर आज सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. पूरी सप्लाई चेन में आज उथल-पुथल मची हुई है

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जानबूझकर कमजोर बना हुआ है UNSC: महबूबानी

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के एशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रतिष्ठित फेलो और UNSC के पूर्व अध्‍यक्ष किशोर महबूबानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संयोग से नहीं बल्कि जानबूझकर कमजोर है. P5 ने जोर देकर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का महासचिव रीढ़विहीन होना चाहिए. अगर आप ऐसा कोई व्यक्ति चुनते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र कमजोर हो जाएगा. हमें महाशक्तियों को अपना दृष्टिकोण बदलने और गतिशील महासचिव नियुक्त करने के लिए राजी करना चाहिए.

P5 में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस शामिल हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC ) के स्थाई सदस्य हैं और शीर्ष कार्यकारी निकाय में इनके पास वीटो पावर है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की आवश्यकता और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दों से निपटने में वैश्विक निकाय के महत्व पर बल दिया.

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कुणाल बहल ने बताया- फेल्‍योर से सक्‍सेस तक का सफर

स्‍नैपडील के को-फाउंडर और CEO कुणाल बहल ने बताया कि कैसे IIT में प्रवेश पाने के असफल प्रयास और अमेरिका में काम करते हुए उनके H-1 वीजा आवेदन के रिजेक्‍शन ने भारत में उनके एक तकनीकी उद्यमी बनने में मदद की. वर्ल्ड समिट 2024 में बहल ने कहा, 'मैं IIT में नहीं जा पाया, मेरा परिवार परेशान था. लेकिन मैं एक अमेरिकी कॉलेज में गया, जिसने मुझे आगे बढ़ने में मदद की.

बहल ने बताया कि उन्‍होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से अपना एजुकेशन पूरा किया. चुनौतियों के बावजूद दृढ़ निश्चयी बने रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, 'मैं (अमेरिका में) माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहा था और मैंने H1-बी वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे रिजेक्‍ट कर दिया गया. मैं वापस आया और एंटरप्रेन्‍योर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की.'

उन्‍होंने रतन टाटा को भी एक महान व्‍यक्तित्‍व के रूप में याद किया.

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