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NDTV World Summit 2024: विदेश मंत्री बोले- कनाडा का दोहरा चरित्र; US, रूस, चीन और पाकिस्‍तान संग संबंधों पर भी रखी बात

विदेश मंत्री ने कहा, 'जब कनाडा ने हमसे हमारे कमिश्नर की जांच के लिए कहा तो हमने हाई कमिश्नर और डिप्लोटमैट्स को वापस बुला लिया.'
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:51 PM IST, 21 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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NDTV वर्ल्ड समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की विदेश नीति, डिप्‍लोमैटिक अप्रोच और अंतरराष्‍ट्रीय महत्‍व के कई अन्‍य विषयों पर बात रखी. खास तौर पर उन्‍होंने कनाडा के साथ भारत के संबंधों में आए तनाव की वजहों पर खुले तौर पर बात रखी.

वर्ल्‍ड समिट में NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ खास चर्चा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा का दोहरा चरित्र है. विश्‍व का शक्ति संतुलन बदल रहा है, जिसे पश्चिम पचा नहीं पा रहा है.

मंत्री ने बताया कनाडा मसले का इतिहास

एस जयशंकर ने कहा, कनाडा का मुद्दा एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा और कनाडा स्‍पेसिफिक मुद्दा है. दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं, अब गैर पश्चिम का भी बोलबाला है. पश्चिम को ये स्वीकार करने में समय लगता है.'

उन्‍होंने कहा, 'कनाडा के साथ जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे कुछ इतिहास है. 1980 में कनाडा से उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के प्लेन को क्रैश कर दिया गया था. इसके बाद डेप्लोमेसी एक अलग दिशा में चली गई.'

उन्‍होंने कहा, 'राजनीति में चीजें कुछ दूसरी दिशा में चली गईं, हम उसके कुछ परिणामों को देख रहे हैं.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'जब कनाडा ने हमसे हमारे कमिश्नर की जांच के लिए कहा तो हमने हाई कमिश्नर और डिप्लोटमैट्स को वापस बुला लिया. उन्हें भारतीय राजनयिकों से उन मुद्दों पर जानकारी इकट्ठा करने में समस्या है, जो हमें प्रभावित करते हैं - जबकि भारत में कनाडा के राजनयिकों के लिए ये नहीं होता है. कनाडा खुद को जो लाइसेंस देती है, वो राजनयिकों पर लगाए गए प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है.'

विदेश मंत्री ने कहा, 'मैं US या यूरोप जाता हूं, तो वहां के देश कहते हैं कि भारत के साथ काम करने का मतलब है. लेकिन ये बातें कनाडा में सुनने को नहीं मिलती. 1990 के दशक के बाद तक वर्ल्‍ड सिस्‍टम काफी हद तक पश्चिमी था. लेकिन पिछले 20 सालों में चीजें बदली हैं. वर्ल्ड का बैलेंस बदला है.'

उन्‍होंने कहा, 'कई गैर-पश्चिमी देश बहुत प्रभावशाली रहे हैं. गैर-पश्चिम और पश्चिम के बीच समीकरण बदल रहा है. लिहाजा इसे पचाना और समायोजित करना आसान नहीं है. कनाडा के साथ यही दिक्कत है.'

अमेरिका और रूस संग संबंधों पर क्‍या बोले मंत्री?

रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'रूस ने कभी भी हमारे हितों पर गलत असर डालने वाला कोई काम नहीं किया है. रूस ढेर सारे प्राकृतिक संसाधनों का घर है, उसके साथ रिश्ते का एक आर्थिक तर्क है. आपके साथ एक ऐसा रूस है जो अपने एशियाई समकक्षों की ओर रुख कर रहा है.'

वहीं अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर उन्‍होंने कहा, 'पिछले कुछ दशकों से भारत-अमेरिका संबंध लगातार मजबूत हुए हैं. दोनों ही देश टेक्नोलॉजी को लेकर एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं.'

उन्‍होंने कहा, 'टेक की दुनिया की तेजी से बदलती है, क्योंकि इसे निरंतर बदलाव की जरूरत है. सेमीकंडक्टर का मौका हमसे छूट गया, पिछले साल तक हमारे पास कुछ नहीं था. लेकिन अब आप ये नहीं कह सकते कि सेमीकंडक्टर में हमारा योगदान नहीं है.

विदेश मंत्री ने कहा, 'अगर ये आपकी शताब्दी है, तो आप सिर्फ दूसरे देशों के सामानों के लिए एक बाजार बनकर नहीं रह सकते.'

चीन-पाकिस्‍तान पर क्‍या बोले जयशंकर?

LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा, 'भारत या चीन जैसे कई बड़े देशों के बीच अलग-अलग दृष्टिकोण हैं. अगर टकराव होगा और ये इतना आसान नहीं होगा. लेकिन ये समझौता बहुत अहम है. हम 2020 में जो गश्त कर रहे थे, उसे वापस करने में सक्षम होंगे.'

वहीं पाकिस्‍तान को लेकर पूछे गए सवाल पर एस जयशंकर ने मुस्‍कुराते हुए कहा, 'मैं SCO की बैठक के लिए पाकिस्तान गया था. हमने इसका समर्थन किया, हाथ मिलाया और वापस आ गए.' विदेश मंत्री ने समिट में आए ऑडिएंस के सवालों का भी जवाब दिया.

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