AC Cabin Mandatory in Trucks: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ट्रकों में ड्राइवर की केबिनों में AC अनिवार्य कर दिया है. उन्होंने सभी ट्रक केबिनों को अनिवार्य रूप से वातानुकूलित (AC) करने का आदेश दिया है. मंत्रालय का आदेश साल 2025 से लागू होगा.
राजधानी दिल्ली में भारतीय ड्राइवरों पर आधारित पुस्तक 'देश चालक' के विमोचन के मौके पर सोमवार को उन्होंने ये जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'लंबे समय से ये प्लान था. कुछ विरोध हो रहे थे. लेकिन आखिरकार यहां कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मैंने आदेश की कॉपी पर साइन कर दिया है.'
केंद्रीय मंत्री के बयान का असर मार्केट पर भी दिखा. मंगलवार को ट्रक निर्माता और इससे जुड़ी कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा गया. ऑटोमोटिव एयर-कंडीशनर बनाने वाली कंपनी Subros का शेयर तो काफी तेजी से ऊपर भागा और इस पर 20% का अपर सर्किट लगा, ये 434.10 रुपये पर बंद हुआ.
इसके अलावा टाटा मोटर्स (Tata Motors) और आयशर (Eicher Motors) के शेयर में 3.04% और 1.87% की तेजी देखी गई. वहीं, वेंटिलेशन इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी एंबर इंटरप्राइजेज (Amber Enterprises) के शेयर भी 8.11% चढ़कर बंद हुए.
देश में ट्रक ड्राइवरों के लिए मंत्रालय का ये कदम काफी राहत देने वाला हो सकता है, जो सर्दी, गर्मी, बारिश, हर मौसम में हर दिन करीब 12 घंटे ड्राइविंग सीट पर बिताते हैं. केंद्रीय मंत्री ने भी इस बात का जिक्र किया कि किस तरह पसीने से लथपथ होने के बावजूद उन्हें ट्रक चलाना पड़ता है.
कठिन हालातों में ट्रक ड्राइवर्स के काम करने, सड़क पर लंबे समय तक ड्राइविंग और थकान को भी सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बताया जाता है. ऐसे में इस फैसले को स्वागत योग्य कदम बताया जा रहा है.
वॉल्वो और स्कैनिया जैसी कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों के हाई-एंड ट्रक पहले से ही AC केबिन के साथ आते हैं. हालांकि पिछले कई साल से इस मुद्दे पर बहस के बावजूद ज्यादातर भारतीय ट्रक कंपनियां ऐसा करने में कोताही बरत रही थीं. केंद्रीय मंत्री के बयान के अनुसार, ट्रक इंडस्ट्री को केबिन अपग्रेडेशन के लिए 18 महीने का समय जरूरी था. 2025 से ट्रकों में AC केबिन अनिवार्य होगा.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहली बार 2016 में ये प्रस्ताव दिया था. नितिन गडकरी ने कहा, 'हमारे देश में ड्राइवरों की कमी है. ड्राइवर 12 या 14 घंटे ट्रक पर होते हैं, जबकि कई देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों के ड्यूटी पर रहने के घंटे तय हैं.'
उन्होंने कहा, 'जब मैं मंत्री बना तो मुझे लगा कि 44 से 47 डिग्री टेंपरेचर में कैसे ड्राइवरों की हालत खराब होती होगी. मैंने AC केबिन का प्रस्ताव दिया तो कुछ लोगों ने ये कह कर विरोध किया कि इससे कॉस्ट बढ़ेगी. लेकिन अब फाइनली मैंने आदेश की कॉपी पर साइन कर दिया है.'