बिहार को एक बार फिर डबल इंजन की सरकार मिल गई है. रविवार को नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उनके साथ BJP कोटे के दो उप मुखमंत्री बनाए गए हैं. BJP से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. सम्राट चौधरी तेजतर्रार OBC तो विजय सिन्हा भूमिहार नेता हैं. इनके अलावा सुमित कुमार सिंह, विजय चौधरी, संतोष कुमार सुमन, सुमित कुमार सिंह, विजेंद्र प्रसाद यादव और प्रेम कुमार ने भी मंत्री पद की शपथ ली. नए मंत्रीमंडल में अगड़े, पिछड़े, अति पिछड़े और दलित वर्ग सभी का ख्याल रखा गया है.
इस नई सरकार को जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी HUM ने भी अपना समर्थन दिया है
इससे पहले रविवार को सुबह ही नीतीश कुमार ने बिहार में नई सरकार के गठन के लिए गवर्नर को 128 विधायकों का समर्थन की चिट्ठी दी है. बिहार विधानसभा में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, ऐसे में सरकार बनाने के लिए सिर्फ 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.
दरअसल I.N.D.I.A. अलायंस में जिस तरह से फैसले हो रहे थे, उससे नीतीश कुमार दुखी थे. उन्हें लगा कि उनके पार्टी की उपेक्षा हो रही है. कांग्रेस बिग ब्रदर की तरह व्यवहार कर रही है. नीतीश को उम्मीद थी कि उन्हें I.N.D.I.A. का संयोजक बना दिया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ.
इसके अलावा नीतीश कुमार RJD और तेजस्वी यादव के बर्ताव से दुखी थे. कहा जा रहा है कि सरकार के सभी कामों का श्रेय अकेले तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को मिल रहा था. शिक्षकों की भर्ती सहित जितने लोगों को भी रोजगार दिया गया उसका श्रेय भी अकेले तेजस्वी ले उड़े. JDU कोटे के मंत्रियों और विधायकों में तेजस्वी के बर्ताव को लेकर बहुत असंतोष था. खुद नीतीश को भी नहीं सूझ रहा था कि क्या करें. आखिर में उन्होंने RJD और तेजस्वी यादव से पीछा छुड़ाना उचित समझा.