केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने साफ किया है कि सरकार की कारों में 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने की कोई मंशा नहीं है. पहले 1 अक्टूबर से 6 एयरबैग्स को कंपलसरी किया जाना था. 63वें ACMA को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि कई कंपनियां अब खुद ही 6 एयरबैग्स दे रही हैं.
स्टार रेटिंग सिस्टम (BNCAP) के चलते सभी कंपनियों ने नए पैमानों को मान लिया है. इसलिए रेगुलेशन के साथ आगे बढ़ने की कोई योजना नहीं है- नितिन गडकरी
गडकरी ने कहा, 'अब भारत NCAP की शुरुआत हो चुकी है, अब खुद मैन्युफैक्चरर्स तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है. लोग सुरक्षा को लेकर सजग हैं. जिस कार में 6 एयरबैग्स होंगे, लोग उसे ही चुनेंगे.
गडकरी ने 6 एयरबैग्स की आज के बाजार में जरूरत बताते हुए कहा कि कंपनियों को कंपटीशन में बने रहने के लिए 6 एयरबैग्स देने ही पड़ेंगे. जो कंपनियां ऐसा नहीं करेंगी उनकी बिक्री पर असर पड़ेगा.
बता दें भारत NCAP की शुरुआत के साथ ही देश की स्थितियों के आधार पर कार की सेफ्टी रेटिंग देने की शुरुआत हो चुकी है.
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने बताया कि दिल्ली से जयपुर के लिए इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना बनाई जा रही है.
गडकरी ने कहा, 'इस समय डीजल बस चलाने की लागत 39 रुपये/किलोमीटर पड़ती है. जबकि नॉन AC इलेक्ट्रिक बस की लागत 39 रुपये/किलोमीटर और AC इलेक्ट्रिक बस की चालन लागत 41 रुपये/किलोमीटर है.'
बीते महीने ही नितिन गडकरी ने भारत NCAP सेफ्टी रेटिंग जारी की थी. इसके तहत क्रैश टेस्ट के बाद व्हीकल्स को स्टार रेटिंग दी जाएगी. ये रेटिंग 0 से 5 स्टार के बीच होगी. लेकिन इसके लिए कार मैन्युफैक्चरर्स को बाध्य नहीं किया गया है. कार मैन्युफैक्चरर्स अपनी मर्जी से अपने मॉडल टेस्टिंग के लिए भेज सकेंगे.