नोएडा सेक्टर 15 सोसाइटी में रहने वाली प्रिया सिंह सेक्टर 128 स्थित अपने ऑफिस के लिए अक्सर कैब बुक किया करती हैं. उन्हें कभी 250 रुपये लगते हैं तो कभी 350 रुपये से भी ज्यादा. उन्हें इसकी वजह समझ आ गई है. प्रिया ने ये अनुभव किया है कि आईफोन की बजाय पुराने एंड्रॉयड फोन से कैब बुक करना किफायती है. ओला, उबर या अन्य राइड-हेलिंग ऐप के 'डार्क पैटर्न' का ये अनुभव केवल प्रिया का नहीं है, बल्कि हजारों यूजर्स का है.
लोकल सर्किल्स के सर्वे में भी ये साबित हुआ है कि ऐप-बेस्ड कैब सर्विस बुक करते समय यूजर्स के फोन के हिसाब से कम या ज्यादा किराया शो करता है.
रिपोर्ट के अनुसार, 'कई यूजर्स ने एंड्रॉयड डिवाइस और आईफोन पर एक ही समय में शो होने वाले कैब फेयर में अजीबोगरीब असमानता देखी है.' ऐसे में यूजर्स का ये सोचना लाजिमी है कि क्या राइड-हेलिंग ऐप पर प्राइसिंग-एल्गोरिदम, आईफोन या महंगे फोन यूज करने वाले लोगों से ज्यादा चार्ज लेने के लिए प्रोग्राम किए गए हैं!
केंद्र सरकार ने जिन 13 तरह के डार्क पैटर्न की पहचान की है, ये उनसे अलग है. सवाल है कि ये ऐप्स यूजर्स के हार्डवेयर डेटा तक कैसे पहुंचते हैं और इसका जाहिर-सा जवाब है कि ऐप इंस्टॉल करते समय हमारी ओर से दी गई सहमति के जरिये.
लोकलसर्किल्स ने उपभोक्ताओं के अनुभवों को मापने के लिए एक सर्वे किया है, जिसमें ड्रिप प्राइसिंग, बेट एंड स्विच या जब उन्हें राइड कैंसिल करने के लिए मजबूर किया जाना, जुर्माना लगाया जाना जैसे विषयों पर राय ली गई है.
सर्वे में शामिल 42% यूजर्स ने कहा कि उन्हें हिडेन चार्जेस (टैक्स के अलावा) का सामना करना पड़ा, जिनका खुलासा पहले नहीं किया गया था.
सर्वेक्षण में शामिल 10 में से 8 यूजर्स ने झांसा और जबरन कार्रवाई (Forced Action) जैसे डार्क पैटर्न का अनुभव किया, जबकि 10 में से 4 ने ड्रिप प्राइसिंग की बात कही.
84% यूजर्स ने कहा कि उन्हें 'जबरन कार्रवाई' का सामना करना पड़ा, जहां उन्हें राइड कैंसिल करने के लिए मजबूर किया गया.
सर्वे में शामिल ऐप-बेस्ड टैक्सी यूजर्स में से 78% ने कहा कि उन्हें प्लेटफॉर्म की ओर से 'बेट एंड स्विच' का सामना करना पड़ा. उदाहरण के लिए, कैब बुक करने से पहले यूजर्स को दिखाया जाने वाला वेटिंग टाइम, ड्राइवर के उन तक पहुंचने में लगने वाले वास्तविक समय से काफी कम रहा.
सर्वे में जो प्रतिक्रियाएं सामने आईं, उनके मुताबिक, ओला और उबर से लेकर रैपिडो और इनड्राइव तक, सारे ऐप-बेस्ड टैक्सी सर्विस प्लेटफॉर्म्स तरह-तरह के डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं.
उबर पर चार तरह का डार्क पैटर्न देखा गया- जबरन कार्रवाई (Forced Action), इंटरफेस हस्तक्षेप, बेट एंड स्विच और ड्रिप प्राइसिंग.
ओला ऐप यूजर्स ने तीन तरह के डार्क पैटर्न का अनुभव किया- जबरन कार्रवाई, बेट एंड स्विच और ड्रिप प्राइसिंग.
ब्लूस्मार्ट, इनड्राइव और रैपिडो सभी 'ड्रिप प्राइसिंग' का उपयोग करते हैं.
इस सर्वे में देश के 269 जिलों के लोगों से करीब 33,000 प्रतिक्रियाएं मिली हैं. इनमें 61% उत्तरदाता पुरुष थे, जबकि 39% महिलाएं थीं.