अमेरिकी, भारत पर लगे टैरिफ को लेकर ट्रंप से कुछ खफा दिख रहे हैं. एक अमेरिकी थिंक टैंक के कराए गए सर्वे में पाया गया है कि 53% अमेरिकी रूसी तेल आयात के मामले में भारत पर डॉनल्ड ट्रम्प के लगाए गए टैरिफ का विरोध करते हैं, जबकि 43% इसका समर्थन करते हैं.
ये सर्वे ऐसे समय में हुआ है जब राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अपने सहयोगी भारत पर भारी टैरिफ लगाया है और कुछ उत्पादों पर इसे बढ़ाकर 50% कर दिया है.
ट्रम्प ने 3 अगस्त को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मुझे परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है, मुझे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, वे अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ गिरा सकते हैं."
भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने वाला है. इससे कई उत्पादों पर भारतीय वस्तुओं पर कुल टैरिफ 50% हो जाएगा, जो किसी भी अमेरिकी व्यापारिक साझेदार के खिलाफ सबसे ज्यादा टैरिफ में से एक है.
NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के संस्थापक निदेशक और इसके प्रमुख सर्वेक्षणकर्ता पैट्रिक बाशम ने कहा, "सिद्धांत रूप में संरक्षणवादी टैरिफ के प्रति अमेरिकी मतदाताओं के मजबूत समर्थन को देखते हुए, ये एक आश्चर्यजनक प्रतिक्रिया है."
सर्वे में शामिल लोगों में सवालों पर करीब-करीब बराबर मतभेद थे: 44% का मानना था कि ट्रंप की नई टैरिफ नीति अमेरिका के लिए अच्छी है, जबकि 44% का मानना था कि ये अच्छी नहीं है. बाशम ने सर्वे के निष्कर्षों पर कहा "हालांकि अमेरिकी औद्योगिक नीति के एक साधन के रूप में ट्रंप के टैरिफ के समर्थन में अडिग हैं, लेकिन वे अपने सहयोगियों पर भू-राजनीतिक निर्णयों का लाभ उठाने के लिए टैरिफ के उनके बढ़ते इस्तेमाल से प्रभावित नहीं हैं." सर्वेक्षण में ये भी पाया गया कि 64% उत्तरदाताओं ने वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव को "अच्छी बात" माना.
अमेरिकियों के बीच भारत के संबंध में एकमात्र नकारात्मक बात H1B वीजा मुद्दे को लेकर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 60% से अधिक उत्तरदाताओं ने इसे समाप्त करने का समर्थन किया है. ये कार्यक्रम वर्तमान में लाखों कुशल भारतीय पेशेवरों को तकनीकी और अन्य उद्योगों में अमेरिकी व्यवसायों में काम करने की अनुमति देता है, ये कदम ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के विपरीत है.
बाशम ने कहा, "ये तर्क कि H1B वीजा अमेरिकी कर्मचारियों की तुलना में विदेशियों को प्राथमिकता देता है और इस तरह अमेरिकियों से नौकरियां छीन लेता है, अमेरिकी लोगों के साथ बहुत गहराई से जुड़ता है" ट्रंप H1B वीजा नीति में सुधार की मांग के लिए इसी तर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका अमेरिका में भारतीय तकनीकी कर्मचारियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है.
ये टेलीफोन सर्वेक्षण 3 अगस्त से 5 अगस्त के बीच किया गया था. सर्वेक्षण में 1,500 संभावित अमेरिकी मतदाताओं ने भाग लिया और ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर अपने विचार साझा किए.