सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये/लीटर बढ़ाने का ऐलान किया है. इस फैसले की जानकारी सरकारी गजट नोटिफिकेशन के जरिए दी गई. ये बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी मंगलवार से लागू हो जाएगी.
हालांकि इस फैसले का असर, आम आदमी की जेब पर नहीं पड़ेगा. मंत्रालय ने साफ किया है कि पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों पर कोई असर नहीं होगा.
यानी सरकार के इस फैसले से तेल कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा. उन्हें पहले की अपेक्षा कम मुनाफा होगा. सरकार की इस घोषणा के बाद BPCL, HPCL और IOCL के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.
गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ₹10/लीटर और पेट्रोल पर ₹13/लीटर हो गई है. इससे पहले यह ड्यूटी डीजल पर ₹8 और पेट्रोल पर ₹11/लीटर थी. ये आंकड़े पेट्रोलियम मंत्रालय से मिले हैं.
दिल्ली में पेट्रोल की खुदरा कीमत ₹94.77/लीटर थी. पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्र के अनुसार, इसमें बेस प्राइस- ₹54.84, फ्रेट चार्ज- ₹0.24, एक्साइज ड्यूटी- ₹19.90, डीलर कमीशन- ₹4.39 और वैट (VAT) के ₹15.40 शामिल थे.
इस बढ़ोतरी का असर तेल कंपनियों पर पड़ने की संभावना है, क्योंकि वे इस बढ़ी हुई लागत को खुद वहन कर सकती हैं. इसका मतलब है कि कंपनियों का मुनाफा (मार्केटिंग मार्जिन) ₹2/लीटर तक घट सकता है. फिलहाल तेल कंपनियों को खुदरा बिक्री से ₹11/लीटर से ज्यादा का इंटीग्रेटेड मार्जिन मिल रहा है.
आमतौर पर पेट्रोल-डीजल के मार्जिन में ₹0.50/लीटर की कमी का असर कंपनियों की कमाई (EBITDA) पर कुछ इस तरह पड़ता है:
इंडियन ऑयल (IOCL): 7%
भारत पेट्रोलियम (BPCL): 8%
हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL): 11%
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार पहले से इस फैसले की उम्मीद कर रहा था. माना जा रहा था कि या तो पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती होगी या फिर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जाएगी, जिससे तेल कंपनियों का मार्जिन घटेगा.