आज का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक है. अतीत को सम्मान देते हुए देश आज नए भविष्य की तरफ बढ़ रहा है. अब संसद की कार्यवाही, नए संसद भवन में होगी. नए संसद भवन में विशेष सत्र के पहले, पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में PM मोदी ने सभी सांसदों को संबोधित किया.
PM मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में हम सब नए मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं. लेकिन ये पुराना संसद भवन और ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है. ये हमें भावुक भी करता है और कर्तव्यों के प्रति प्रेरित भी करता है.
देश की अर्थव्यवस्था और महत्वाकांक्षा पर बात करते हुए PM मोदी ने कहा कि आज भारत, 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन पहले 3 में जगह बनाने के लक्ष्य के साथ बढ़ रहे हैं. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय संसद में होने वाली हर चर्चा, हर संकेत, भारतीय महत्वकांक्षा को बढ़ावा देने वाले होने चाहिए.
PM मोदी ने ग्लोबल मंच पर भारत के रुख और महत्व की भी चर्चा की. उन्होंने कहा, 'शीत युद्ध में हमारी नीति गुट-निरपेक्ष देश की थी. आज हम विश्व-मित्र की नीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं. G20 में भारत, ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उभरा है. G20 में जो बीज बोया गया है वो भविष्य में एक वट-वृक्ष बनकर उभरेगा'.
अपने भाषण के अंत में PM मोदी ने कहा, 'आज हम नए संसद में जा रहे हैं लेकिन पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए. मेरी अपील है कि भविष्य में इसे संविधान सदन के नाम से जाना जाए'.