प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार की सुबह ब्रुनेई (Brunei) और सिंगापुर (Singapore) की यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं. PM मोदी ने ये विश्वास जताया कि इस यात्रा से ब्रुनेई के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध और मजबूत होंगे और सिंगापुर के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी.
ब्रुनेई में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ये पहली द्विपक्षीय यात्रा (bilateral visit) होगी, इसके बारे में उन्होंने कहा कि वो दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया (Sultan Haji Hassanal Bolkiah) और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों को लेकर आशावादी हैं.
विदेश मंत्रालय के सचिव (East) जयदीप मजूमदार ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और ब्रुनेई 'रक्षा में एक ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
MEA का कहना है कि ब्रुनेई 2012-2015 तक 'आसियान में हमारे देश का को-ऑर्डिनेटर रहा था, और 'आसियान के साथ हमारे आगे के जुड़ाव' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आज भी ऐसा कर रहा है.
MEA ने पहले कहा था कि ये यात्रा रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, स्पेस टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सहयोग, क्षमता निर्माण, संस्कृति के साथ-साथ लोगों से लोगों के आदान-प्रदान सहित सभी मौजूदा क्षेत्रों में ब्रुनेई के साथ भारत के सहयोग को और मजबूत करेगी और नए क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाशेगी.
मजूमदार ने बताया कि'हमें अपने स्पेस प्रोग्राम में ब्रुनेई से काफी सहयोग मिला, इस क्षेत्र में ब्रुनेई के साथ हमारे तीन MoUs हैं. हमने साल 2000 में ब्रुनेई में एक टेलीमेट्री ट्रैकिंग और कमांड स्टेशन स्थापित किया है और ये हमारे सभी पूर्व की ओर लॉन्च किए गए उपग्रहों और लॉन्च व्हीकल को ट्रैक और मॉनिटर करता है'.
PM मोदी ने कहा कि वे राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरतनम (Tharman Shanmugaratnam) , प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग (Lawrence Wong) , वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग और सेवामुक्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मुलाकात करेंगे. PM मोदी सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा, 'मैं सिंगापुर के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए अपनी चर्चाओं की प्रतीक्षा कर रहा हूं, विशेष रूप से एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटलाइजेशन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के नए और उभरते क्षेत्रों को लेकर जो चर्चाएं होंगी.
उन्होंने कहा कि दोनों देश भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विजन में महत्वपूर्ण साझेदार हैं. PM मे कहा, मुझे विश्वास है कि मेरी यात्राओं से ब्रुनेई, सिंगापुर और ASEAN क्षेत्रों के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी.
PM मोदी का पहला सिंगापुर दौरा उनके पहले टर्म के दौरान हुआ था, उसके बाद वो तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद सिंगापुर जा रहे हैं. मजूमदार ने कहा कि हमारे व्यापार और निवेश फ्लो में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. हमारे बीच मजबूत रक्षा सहयोग और संस्कृति और शिक्षा में आदान-प्रदान बढ़ रहा है. हमने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज फ्रेमवर्क के तहत अपनी साझेदारी के नए आधारों की पहचान की है.'
सिंगापुर आसियान समूह में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और देश में FDI का एक प्रमुख स्रोत है. सिंगापुर पूरी दुनिया में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और पिछले वित्त वर्ष के दौरान 11.77 बिलियन डॉलर का FDI भारत आया था.
मजूमदार ने कहा, राउंडटेबल बैठक के दौरान, दोनों पक्षों के मंत्रियों ने 'नए प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की जिन्हें हम सहयोग के भविष्य के क्षेत्रों में पहचान सकते हैं'
मजूमदार ने कहा कि 'भारत-सिंगापुर संबंध पिछले 10-15 वर्षों की तुलना में और भी बड़े बदलाव के लिए तैयार हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के अगले स्तर पर पहुंच गए हैं, चाहे वो फूड सिक्योरिटी, रीन्युएबल एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और सेमीकंडक्टर हों, ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां हमारे बीच काफी समानताएं हैं. सिंगापुर के लिए, भारत जबरदस्त मौके देता है और भारत के लिए, सिंगापुर कई विकल्प खुले रखता है.