राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने मंगलवार को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान सबको उनका हक देता है, ये हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ नए युग की शुरुआत की गई है.
संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, टआज अग्रणी अर्थव्यवस्था होने के साथ साथ हमारा देश विश्वबंधु की भूमिका भी निभा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. गरीबों को अपना घर मिल रहा है और देश में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है.'
मुर्मू ने कहा, 'संविधान की भावना के मुताबिक ये दायित्व है कि लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए काम करें. हमारा संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है. संविधान के माध्यम से हमने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया है. संविधान सभा के दूरदर्शी सदस्यों ने एक प्रेरणादायक संविधान दिया, जो दूसरों के लिए भी प्रेरणा है.'
मुर्मू ने कहा कि 75 वर्ष पहले आज के ही दिन, संविधान भवन के इसी केंद्रीय कक्ष में, संविधान सभा ने संविधान निर्माण का बहुत बड़ा काम किया था.
इसके साथ ही भारत के संविधान (Constitution) को अंगीकार करने के 75 साल पूरे होने के मौके पर सालभर चलने वाले जश्न की शुरुआत हो गई है.
इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया. PM मोदी आज भारत के संविधान को अपनाए जाने के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे.
PMO ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक भवन परिसर के सभागार में आयोजित संविधान दिवस समारोह के दौरान वो भारतीय न्यायपालिका (2023-24) की सालाना रिपोर्ट जारी करेंगे और इस मौके पर एक सभा को संबोधित भी करेंगे.
भारत के स्वतंत्र देश बनने के बाद संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने का काम डॉ. BR अंबेडकर की अध्यक्षता वाली समिति को सौंपा. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे, जिसकी स्थापना 1946 में हुई थी.
1948 की शुरुआत में डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया और इसे संविधान सभा में पेश किया. 26 नवंबर 1949 को इस मसौदे को बहुत कम संशोधनों के साथ अपनाया गया. भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का मसौदा तैयार करने के महत्वपूर्ण और सबसे ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को लगभग तीन साल लगे. भारतीय संविधान 1,17,360 शब्दों (अंग्रेजी संस्करण में) के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.