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Ram Mandir Consecration: रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा में PM मोदी होंगे मुख्‍य यजमान; जानिए 22 जनवरी को क्‍या-क्‍या होगा, कौन-कौन होंगे शामिल?

श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक, 22 जनवरी, 2024 को अभिजीत मुहूर्त में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी04:25 PM IST, 19 Jan 2024NDTV Profit हिंदी
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Ram Mandir Inauguration: अयोध्‍या में नवनिर्मित राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर देशभर में उत्‍साह का माहौल है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होना है. पूरे विधि-विधान से दोपहर करीब 12:30 बजे प्रभु रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा की जाएगी.

इस अवसर पर अयोध्‍या में भव्‍य कार्यक्रम आयोजित है, जिसमें साधु-संध और नेता-मंत्रियों के अलावा देश-दुनिया से बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल होंगी.

रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम का दूरदर्शन समेत विभिन्न चैनलों पर लाइव प्रसारण होगा. NDTV Profit हिंदी के डिजिटल, यूट्यूब और सोशल प्‍लेटफॉर्म पर भी आप हमारी विशेष कवरेज देख पाएंगे.

इस अवसर पर केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्‍थानों के लिए आधे दिन की छुट्टी की घोषणा कर दी है. 22 जनवरी को सुबह से दोपहर 2:30 बजे तक छुट्टी रहेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने स्‍कूलों में पूरे दिन की छुट्टी दी है, वहीं, गोवा, मध्‍य प्रदेश की सरकारों ने भी अलग-अलग छुट्टियां घोषित कर रखी है.

मुख्‍य आचार्य और यजमान दोनों काशी से

इस अनुष्‍ठान के मुख्‍य आचार्य और यजमान दोनों काशी से हैं. एक काशी के आचार्य हैं तो दूसरे काशी (वाराणसी) के सांसद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अनुष्‍ठान के मुख्‍य यजमान हैं.

यजमान के नियमों का वे कठोरता के साथ पालन कर रहे हैं और इस अनुष्ठान को लेकर PM मोदी ने 11 दिनों के उपवास में हैं. इसके लिए उन्‍होंने बिस्तर का त्याग किया हुआ है और जमीन पर कंबल बिछाकर सो रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रधानमंत्री पूर्ण व्रत रखेंगे.

सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में 7 अधिवास होते हैं और न्यूनतम 3 अधिवास अभ्यास में होते हैं. श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं के लिए 121 आचार्य होंगे, जबकि गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं का दिशा-निर्देशन करेंगे और काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे.

प्राण प्रतिष्‍ठा का शुभ मुहूर्त

श्रीराम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी, 2024 को सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए अभिजीत मुहूर्त में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. ये शुभ मुहूर्त 84 सेकंड (12:29:08 से 12:30:32 के बीच) का होगा.

गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद सभी साक्षी गणमान्‍य व्‍यक्ति और अतिथि पवित्र मूर्ति के दर्शन करेंगे.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले 16 जनवरी से ही शुभ संस्कारों की शुरुआत हो चुकी है. तय कार्यक्रमों के मुताबिक, जलयात्रा और शोभायात्रा के बाद रामलला की मूर्ति बुधवार को क्रेन के जरिये विवेक सृष्टि भवन से लाकर राम मंदिर के गर्भगृह में रखी गई थी.

वहीं गुरुवार को राममूर्ति काे गर्भगृह में स्‍थापित किया गया. वेदमंंत्रों के बीच मूर्ति के जलाधिवास तक के कार्य गुरुवार को संपन्न हुए.

ननिहाल और ससुराल से आए उपहार

राम मंदिर के उद्घाटन और प्रभु रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए देशभर के लोगों में उत्‍साह है. इसे अयोध्या समेत देशभर में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है. समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों से लोग जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, घंटे, ढोल वगैरह के साथ पहुंच रहे हैं.

माता जानकी के मायके यानी प्रभु राम के ससुराल जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) से विशेष उपहार के तौर पर 'भार' भेजा गया है, जो एक बेटी के घर निर्माण/स्‍थापना के समय खास तौर पर भेजा जाता है. विभिन्न आभूषण और अन्‍य उपहार भी लाया गया है. वहीं, रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु राम के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं.

कई गणमान्‍य होंगे शामिल

प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई गणमान्‍य नेता मौजूद होंगे. भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म-संप्रदाय के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख लोगों की मौजूदगी रहेगी.

अतिथियों की लिस्‍ट

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

  • उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

  • श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास

  • RSS प्रमुख मोहन भागवत

  • BAPS स्वामीनारायण संस्था

  • BJP के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी

  • BJP के वरिष्‍ठ नेता मुरली मनोहर जोशी

  • समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव

  • मल्लिकार्जुन खड़गे (नहीं जाएंगे)

  • सोनिया गांधी (नहीं जाएंगे)

  • अधीर रंजन चौधरी (नहीं जाएंगे)

  • मनमोहन सिंह

उद्योग जगत से

  • रतन टाटा

  • गौतम अदाणी

  • मुकेश अंबानी

  • कुमार मंगलम बिड़ला

  • एन चन्द्रशेखरन

  • अनिल अग्रवाल

  • NR नारायण मूर्ति

फिल्‍म जगत से

  • रजनीकांत

  • अमिताभ बच्चन

  • मोहनलाल

  • अनुपम खेर

  • माधुरी दिक्षित

  • चिरंजीवी

  • संजय लीला भंसाली

  • अक्षय कुमार

  • धनुष

  • रणदीप हुडा

  • रणबीर कपूर

  • कंगना रनौत

  • ऋषभ शेट्टी

  • मधुर भंडारकर

  • अजय देवगन

  • जैकी श्रॉफ

  • टाइगर श्रॉफ

  • यश

  • प्रभास

  • आयुष्मान खुराना

  • आलिया भट्ट

  • सनी देओल

खेल जगत से

  • सचिन तेंदुलकर

  • MS धोनी

  • विराट कोहली

  • दीपिका कुमारी

  • आर अश्विन

हर परंपरा के साधु-संत सहभागी बनेंगे

शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराओं के साधु-संत इसमें सहभागी बनेंगे.

देशभर में होगा दीपावली जैसा माहौल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अपने घरों में ही दीपक जलाने और दीपावली जैसा उत्सव मनाने की अपील की है. उन्‍होंने मंत्रियों से दीपक जलाने और गरीबों को खाना खिलाने की भी अपील की है.

साथ ही 22 जनवरी के बाद अपने अपने संसदीय क्षेत्रों के लोगों को अयोध्या के लिए ट्रेनों में रवाना करने के लिए भी कहा गया है. इसकी पूरी व्यवस्था देखने और खुद भी ट्रेन में उनके साथ अयोध्या जाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा है कि ये सब सादगी के साथ करना है, ताकि सौहार्द और सद्भाव बना रहे.

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