टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की उम्र में मुंबई में निधन हो गया है. रतन टाटा ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में कुछ वक्त से भर्ती थे. वहीं उन्होंने अंतिम सांसें लीं.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई देने की घोषणा की है.
रतन टाटा मौजूदा भारतीय उद्योग जगत की सबसे बड़ी हस्ती थे. वे 1991 में भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के प्रेसिडेंट बने और 2012 तक ग्रुप का नेतृत्व किया. टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा भारत में बिजनेस और समाजसेवा दोनों में एक मिसाल थे.
उनके कार्यकाल के दौरान टाटा ग्रुप ने ग्लोबल लेवल पर विस्तार किया. उन्होंने चाय कंपनी टेटली, स्टील कंपनी कोरस और ऑटोमोबाइल कंपनी जगुआर-लैंड रोवर जैसी प्रमुख कंपनियों का अधिग्रहण किया. उनके इन अधिग्रहणों से टाटा ग्रुप एक घरेलू फर्म से एक ग्लोबल पावरहाउस में तब्दील हो गया.
रतन टाटा के नेतृत्व में, ग्रुप ने दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो को लॉन्च किया. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को ग्लोबल IT लीडर के रूप में स्थापित और विस्तारित किया. 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को मार्केट में लिस्ट भी कराया था.
रतन टाटा ने 2012 में चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि साइरस मिस्त्री के साथ लीडरशिप विवाद के दौरान 2016 में वे कुछ समय के लिए अंतरिम चेयरमैन के रूप में वापस लौटे थे.
28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के पड़पोते थे. वो 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन थे और उन्हें अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन भी बनाया गया था. रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्टों के प्रमुख बने हुए थे.
हाल ही में रतन टाटा ने एयर इंडिया को सरकार से खरीदकर अपने ग्रुप का हिस्सा बना दिया था.
86 वर्षीय रतन टाटा ने बीते तीन दिन पहले यानी 7 अक्टूबर को कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा था कि वे अपनी उम्र और संबंधित मेडिकल कंडीशन के कारण मेडिकल चेक-अप करवाने के लिए अस्पताल में भर्ती हुएु हैं. बुधवार को उनकी स्थिति के बारे में जानकारी के लिए किए गए अनुरोध पर टाटा के रिप्रेजेंटेटिव ने अभी कोई जवाब नहीं दिया था.