सोमवार को रुपया (Rupee) रिकॉर्ड निचले स्तरों पर बंद हुआ है. डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपया, 3 पैसे गिरकर 84.11 पर बंद हुआ. दिन में डॉलर का भाव 84.12 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर भी पहुंचा था. इससे पहले शुक्रवार को रुपया 84.08 पर बंद हुआ था.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से मौजूदा समय में जारी दबाव के चलते रुपया लुढ़का है. हाल के हफ्तों में ग्लोबल फंड्स ने भारतीय शेयरों से 1.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री की है.
इस बिकवाली ने रुपये की गिरावट में बड़ी भूमिका निभाई है. करेंसी 11 अक्टूबर 2024 को 84 के आंकड़े को पार कर गई थी. उसके बाद लगातार बिकवाली की वजह से वो संभल नहीं सका है.
सोमवार को रुपया शुरुआती कारोबार में कुछ देर के लिए तेजी के साथ 84.06 पर पहुंच गया था. लेकिन इसके बाद वो मोमेंटम को बरकरार नहीं रख पाया. विदेशी फंड्स की बिकवाली और घरेलू शेयरों में गिरावट का इस पर बड़ा असर पड़ा.
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP में हेड ऑफ ट्रेजरी और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनील कुमार भंसाली ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की ओर से लगातार जारी शेयरों की बिक्री के चलते रुपया 84.1125 के निचले स्तर पर पहुंच गया.
जबकि RBI ने गिरावट को रोकने के लिए डॉलर की बिक्री की.
फॉरेक्स ट्रेडर्स को उम्मीद है कि रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार करता रहेगा. इसके पीछे वजह मजबूत डॉलर और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं.
RBI के एक्शन से निचले स्तरों पर रुपये को कुछ सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन मौजूदा ट्रेंड के साथ बड़ी रिकवरी चुनौतीपूर्ण लगती है.