पिछले 4 साल में 5.2 करोड़ औपचारिक नौकरियां पैदा हुई हैं. इनमें से 47% लोगों को पहली बार नौकरी मिली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए SBI रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'पिछले 4 वर्षों के पेरोल डेटा ट्रेंड के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2023 तक नए EPF सब्सक्राइबर्स की संख्या 4.86 करोड़ थी. हालांकि इस आंकड़े में नए पेरोल (पहला) और दूसरा पेरोल (री-ज्वाइंड/री-सब्सक्राइब्ड सदस्य) शामिल नहीं हैं.
नोट में कहा गया है कि बाद में फिर से शामिल होने वाले या फिर से सदस्यता लेने वाले मेंबर्स और औपचारिकता (इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न डेटा के आधार पर) के लिए समायोजित शुद्ध नए पेरोल (पहली नौकरी या नई नौकरी) का अनुमान लगाने पर, FY20 से FY23 के दौरान वास्तविक शुद्ध नया पेरोल 2.27 करोड़ था.
जहां पहली नौकरी कुल शुद्ध नए पेरोल का 47% है, वहीं दूसरी नौकरी (या बाहर हुए सदस्य जो फिर से शामिल हुए और फिर से सदस्यता ली) वित्त वर्ष 2023 को समाप्त होने वाली चार साल की अवधि के दौरान 2.17 करोड़ थी.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा, 'अगर हम वित्त वर्ष 2024 के लिए Q1 EPFO पेरोल डेटा देखें, तो रुझान काफी उत्साहजनक है.'
पहले ही 44 लाख नेट नए EPF सब्सक्राइबर जुड़ चुके हैं, जिनमें से पहला पेरोल 19.2 लाख था. अगर ये प्रवृत्ति पूरे वित्तीय वर्ष के लिए जारी रहती है, तो FY24 में, नेट न्यू पेरोल 1.60 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा. अब तक का सबसे अधिक, पहला पेरोल 70-80 लाख की सीमा में होगा.सौम्य कांति घोष. ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, SBI
नोट में कहा गया है कि NPS डेटा वित्त वर्ष 2023 में 8.24 लाख नए सब्सक्राइबर्स का संकेत देता है, जिसमें राज्य सरकार के 4.64 लाख पेरोल, इसके बाद 2.30 लाख के गैर-सरकारी पेरोल और 1.29 लाख के केंद्र सरकार के पेरोल शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार साल में करीब 31 लाख नए ग्राहक NPS से जुड़े हैं.
संयुक्त रूप से देखें तो EPFO और NPS की कुल पेरोल जेनरेशन FY20 से FY23 तक 5.2 करोड़ से अधिक है.
घोष ने कहा कि EPFO डेटा में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दोबारा शामिल होने वाले या दोबारा सदस्यता लेने वाले सदस्यों की संख्या संशोधन में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कहा, इसका मतलब ये होगा कि अधिक लोग अपनी वर्तमान नौकरी के साथ बने रहने का फैसला कर सकते हैं.