ADVERTISEMENT

इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए डोनर-रिसीवर के बीच संभावित लेन-देन का मामला; SC का विशेष जांच दल बनाने से इनकार

इस स्टेज पर SC के हस्तक्षेप करने से ये संदेश जाएगा कि मौजूदा सिस्टम में जो विकल्प उपलब्ध हैं, वे नाकाफी हैं: सुप्रीम कोर्ट
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी03:58 PM IST, 02 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

इलेक्टरोल बॉन्ड स्कीम (Electoral Bond Scheme) के जरिए डोनर-रिसीवर के बीच संभावित आपसी लेन-देन (Quid Pro Quo Arrangement) की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल बनाने से इनकार कर दिया है.

दरअसल SC से इस संभावित लेन-देन के लिए 'कोर्ट की निगरानी वाला विशेष जांच दल' बनाने की अपील की गई थी.

क्यों किया इनकार?

कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप करना सही नहीं होगा, क्योंकि सामान्य कानून में इस तरह की जांच के लिए जो प्रावधान हैं, फिलहाल उनका उपयोग नहीं किया गया है.

कोर्ट ने कहा, 'इस स्टेज पर SC के हस्तक्षेप करने से ये संदेश जाएगा कि मौजूदा सिस्टम में जो विकल्प उपलब्ध हैं, वे नाकाफी हैं.'

कोर्ट ने ये भी कहा कि फिलहाल जिस स्तर पर मामला है, उसमें क्रिमिनल प्रोसीजर्स और तमाम हाई कोर्ट्स के रिट अधिकार क्षेत्र में ऐसे प्रबंध हैं, जिनका इस वक्त इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

SC ने रद्द की थी इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम

बता दें इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट की एक 5 जजों की बेंच ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ये स्कीम संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(a) का उल्लंघन करती है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर चुने हुए प्रतिनिधियों को दिए गए राजनीतिक चंदे से डोनर के साथ सेवाओं के आपसी लेन-देन की व्यवस्था बनने की संभावना रहती है.

कोर्ट ने चंदा पाने वालों की जानकारी सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया था. SC ने SBI को निर्देश दिया था कि बैंक राजनीतिक पार्टियों की जानकारी का डेटा बनाए कि किसे कितना चंदा मिला है. बाद में ये डेटा ECI की वेबसाइट पर भी पब्लिश किया गया था. इस स्कीम को 2017 में पेश किया था और इसे 2018 में नोटिफाई किया गया था.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT