हवाई सफर का अनुभव कई बार परेशान करने वाला हो सकता है. आए दिन सोशल मीडिया पर कभी उड़ानों में देरी, कभी खाने-पीने के सामान की शिकायतें देखने को मिलती हैं. इन परेशानियों के बीच कई सारे एयरपोर्ट्स की खूबसूरती आपका मन मोह लेती है.
दुनिया के बाकी देशों में एयरपोर्ट्स आमतौर पर कांच और स्टील की बदौलत खूबसूरत दिखते हैं, जबकि भारत ने इस दौड़ में अपनी अलग पहचान बनाई है.
देश के कई एयरपोर्ट्स, जो कि दुनिया के सबसे सुंदर एयरपोर्ट्स में गिने जाते हैं, यहां आपको आधुनिकता के साथ संस्कृति और परंपरा का मेल देखने को मिलता है.
एशिया और मिडिल ईस्ट के देशों ने जब आर्थिक तरक्की की, तो उन्होंने बड़े और भव्य एयरपोर्ट बनवाए. कतर ने 2014 में भव्य हमाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया, तुर्किए ने 2018 में इस्तान्बुल में विशाल एयरपोर्ट खोला और चीन का बीजिंग डैक्सिंग एयरपोर्ट अपने अनोखे डिजाइन के लिए मशहूर है.
ये सभी एयरपोर्ट आधुनिकता और आर्थिक ताकत के प्रतीक हैं. और अब बात करते हैं भारत के एयरपोर्ट्स की, जहां अलग सोच दिखाई देती है.
बेंगलुरु से मुंबई और गोवा तक, भारत के नए एयरपोर्ट न सिर्फ खूबसूरत हैं, बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत को भी बखूबी दर्शाते हैं. भारत ने अपने एयरपोर्ट्स के विकास में निजी कंपनियों को शामिल कर बड़ा बदलाव किया है. इसका फर्क साफ महसूस होता है.
साल 2023 में ओपन हुए बेंगलुरु के टर्मिनल 2 को 'टर्मिनल इन ए गार्डन' कहा जाता है. इसमें बहुत सारे पेड़-पौधे, बांस की सजावट और हरियाली है. ये चीन या मिडिल ईस्ट के एयरपोर्ट से बिलकुल अलग है. इसकी दीवारें सुंदर धरती के रंगों में रंगी हैं और कई जगह पेड़ झूलते हुए लटके हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से आए थिंक टैंक बिल ड्रेक्सल ने इसे देखकर कहा, 'मैं तो देखते ही चौंक गया, ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ.'
मुंबई का टर्मिनल 2, जो 2014 में खुला, एक टर्निंग पॉइंट था, देश के एविएशन सेक्टर के लिए. इसकी डिजाइनिंग में मोर के पंख का पैटर्न दिखता है. मोर, देश का राष्ट्रीय पक्षी भी है. यहां आपको कॉलम, लाइट, और साइनबोर्ड्स में ये पैटर्न साफ नजर आता है. इसके पीछे का मकसद बताया गया कि लोग आकर ये फील करें कि वे भारत में हैं. इसका प्रबंधन अदाणी ग्रुप के हाथ में है.
गोवा के दूसरे एयरपोर्ट (2023) के अंदर पुर्तगाली शैली के घरों की झलक दिखती है. इसका इंटीरियर गोवा शहर के पुर्तगाली शैली वाले घरों से प्रेरित है.
आर्थिक राजधानी मुंबई में जल्द ही शुरू होने वाला नवी मुंबई स्थित दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कमल के फूल की थीम पर आधारित है, जो कि हमारा राष्ट्रीय फूल है. इसका निर्माण अदाणी ग्रुप करवा रहा है.
देश के इन खूबसूरत एयरपोर्ट्स के इंटीरियर, थीम और डिजाइन्स से स्पष्ट है कि भारत केवल आधुनिकता नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक जड़ों को भी महत्व देता है. एयरपोर्ट्स ये भी दिखाते हैं कि देश सजावट और सौंदर्य पर पैसा खर्च करने से नहीं हिचकता. इनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है.
सौंदर्य में निवेश: भारत अपने एयरपोर्ट और पुलों, मेट्रो वगैरह को भी सुंदर बनाता है. दीवारों पर पेंटिंग, आर्टवर्क, लोक कला देखी जा सकती है. इससे थोड़ा खर्च बढ़ता है, लेकिन सरकार और निजी कंपनियों को भी ऐसा करना जरूरी लगता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इन सजावटी तत्वों से कुल लागत में केवल 1-2% की बढ़ोतरी होती है, लेकिन इससे यात्रियों का अनुभव कई गुना बेहतर हो जाता है.
परंपरा और आधुनिकता का मेल: भारत अपने इतिहास और संस्कृति को भी साथ लेकर चलता है. यहां, चीन की तरह केवल आधुनिक दिखने की होड़ नहीं है. भारत चाहता है कि नई चीजें भी भारतीय पहचान के साथ जुड़ी रहें.
प्राइवेटाइजेशन का असर: पहले सभी एयरपोर्ट सरकार के नियंत्रण में थे और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि वे इतने सुंदर नहीं थे, जितने कि अब हैं. निजी कंपनियों को मौका मिला तो निश्चित तौर पर एयरपोर्ट्स बेहतर हुए.
साल 2019 में एयरपोर्ट सेक्टर में कदम रखने वाले अदाणी ग्रुप (अदाणी एयरपोर्ट्स) ने अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, मंगलुरु, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम के 6 बड़े एयरपोर्ट्स का संचालन अपने हाथ में लिया. मुंबई का मौजूदा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी अदाणी ग्रुप के अधीन है.
हाल ही में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने साइट का दौरा करने के बाद जून में इसका उद्घाटन होने की बात कही है. (पूरी खबर नीचे क्लिक कर पढ़ी जा सकती है.)