दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में 18 से 20 मई तक भयंकर गर्मी पड़ सकती है. इस दौरान हीटवेव चलने की आशंका है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने पूर्वानुमान में ये बात कही है.
IMD ने 18, 19 और 20 मई को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी राजस्थान के लिए गर्मी का 'ऑरेंज अलर्ट' घोषित किया है. यानी अधिकारियों को हीटवेव से संबंधित इमरजेंसी के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
IMD ने ये भी कहा कि अगले 5 पांच दिनों में बिहार और उत्तर भारत के कई राज्यों में ऐसी ही स्थिति रहेगी. वहीं उत्तर-पश्चिम भारत और गुजरात में तापमान दो से तीन डिग्री तक बढ़ने की संभावना है.
गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. IMD ने बढ़ती गर्मी के लिए पश्चिमी विक्षोभ (western disturbances) के कम होते प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया. IMD के महानिदेशक (DG) मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, 'उत्तर-पश्चिम भारत पर एक एंटीसाइक्लोन के कारण सतह को गर्म करने वाली हीटवेव का भी दबाव हो रहा है. तुरंत बारिश की कोई संभावना नहीं है. उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर भी हीटवेव का प्रकोप रहेगा. अगले 7 दिनों तक स्थिति बहुत गर्म रहेगी.'
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के ऊपर एक प्रतिचक्रवाती तूफान की स्थिति है, जिसके चलते बलूचिस्तान और थार रेगिस्तान से गर्म हवाएं आ रही हैं. राजस्थान के कुछ हिस्सों में हीटवेव चलनी शुरू हो गई है और दिल्ली के कुछ हिस्सों में भी बुधवार से हीटवेव चल रही है. इसका विस्तार होने की संभावना है.
मौसम विभाग हीटवेव की घोषणा तब करता है जब
मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो.
तटीय इलाकों में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो.
पहाड़ी इलाकों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो.
भले ही विचलन (Deviation) सामान्य और अधिकतम तापमान से 4.5 डिग्री सेल्सियस और 6.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो. यदि ये स्थितियां लगातार दो दिनों तक बनी रहती हैं, तो दूसरे दिन हीटवेव की घोषणा की जाती है.
मौसम विभाग ने लोगों को कड़ी धूप से बचने की सलाह दी है. हीटवेव की स्थिति में बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
अभी कुछ ही दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने गर्मी को लेकर दिशानिर्देश जारी किया था. इसमें 'क्या करें, क्या न करें' के बारे में विस्तार से बताया गया था.
मौसभ विभाग की चेतावनी में कहा गया है कि लंबे समय तक धूप में रहने वाले या भारी काम करने वाले लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. खासतौर पर कमजोर लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ जाती हैं.