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चाइल्‍ड पोर्न डाउनलोड करना और देखना अब क्राइम, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा केरल हाई कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्‍द के इस्‍तेमाल से भी बचने को कहा है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:59 AM IST, 23 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अब चाइल्ड पोर्न डाउनलोड करना और देखना भी पॉस्‍को (POCSO) के तहत अपराध माना जाएगा. ऐसा करना पॉस्‍को और IT अधिनियम के तहत अब अपराध की श्रेणी में आएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्‍द के इस्‍तेमाल से भी बचने को कहा है. कोर्ट ने कहा, इसकी जगह 'बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री' लाया जाए और अदालतें भी इस शब्‍द का इस्‍तेमाल न करें.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह 'चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल किया जाए. केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर बदलाव करे. अदालतें भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल ना करें.
सुप्रीम कोर्ट

किसी ने मोबाइल पर भेज दिया पोर्न तो...?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मोबाइल या लैपटॉप में चाइल्‍ड पोर्न रखना भी आपको अपराधी की श्रेणी में ला खड़ा कर सकता है.

कोर्ट के मुताबिक, 'ये जरूरी नहीं कि आपके फोन में अगर चाइल्‍ड पोर्न है, तो आप अपराधी हो जाएंगे. लेकिन यदि आपको कोई चाइल्‍ड पोर्न फॉवर्ड करता है और आप उसे डाउनलोड कर लेते हैं या फिर देखते हैं, तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.

अदालत ने साफ किया कि चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और उसे देखना पॉस्‍को एक्‍ट के तहत अपराध की श्रेणी में रखा गया है.

हाईकोर्ट का आदेश पलटा

सर्वोच्‍च अदालत ने इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है. केरल हाइकोर्ट ने कहा था कि पोर्न देखना व्‍यक्ति की निजी पसंद हो सकती है. इसे अपराध नहीं ठहराया जा सकता. वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि फोन में चाइल्‍ड पोर्न डाउनलोड करना अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि इसमें सजा देने की बजाय एजुकेट करने की जरूरत है.

मद्रास हाई कोर्ट ने मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट रखने के एक आरोपी के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था. बच्चों के अधिकार के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर मामले को फिर से सेशन कोर्ट भेजा है.

पोर्न वीडियो को लेकर क्या हैं कानून

देश में ऑनलाइन पोर्न देखना अब तक गैर-कानूनी नहीं था. हालांकि IT एक्ट 2000 में पोर्न वीडियो बनाने, पब्लिश करने और सर्कुलेट करने पर बैन है. IT एक्ट 2000 के सेक्शन 67 और 67A में इस तरह के अपराध करने वालों को 3 साल की जेल के साथ 5 लाख तक जुर्माना देने का भी प्रावधान है.

इसके अलावा IPC के सेक्शन-292, 293, 500, 506 में भी इससे जुड़े अपराध को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं. वहीं, चाइल्ड पोर्नोग्राफी में POCSO कानून के तहत कार्रवाई होती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब चाइल्‍ड पोर्न देखना या डाउनलोड करना क्राइम होगा.

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