गर्मी में बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पावर प्लांट्स के लिए कोल इंपोर्ट्स की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी है. ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली अधिनियम (इलेक्ट्रिसिटी एक्ट), 2003 की धारा 11 के तहत प्लांट्स के लिए कोयले के इंपोर्ट की समय सीमा में बढ़ोतरी की है. पहले आखिरी तारीख 15 जून तय थी.
बता दें कि ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली अधिनियम (इलेक्ट्रिसिटी एक्ट), 2003 की धारा, साल 2021 और 2022 में ये सुनिश्चित करने के लिए लागू की थी कि बिजली की कमी की स्थितियों से बचने के लिए प्लांट्स तैयार रहेंं.
सरकार को पिछले साल कंपनियों को कोयले का इंपोर्ट करने का निर्देश देने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब बिजली की अधिकतम मांग 200 GW को पार कर गई. वहीं यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर कोयले की कीमतें 400 डॉलर/टन बढ़ गईं, जिसने इंपोर्टेड कोयला से बिजली पैदा करना मुश्किल बना दिया था. अधिकांश प्लांट्स या तो 1-2 यूनिट के साथ काम कर रहे थे या लगभग बंद पड़े थे.
सरकार ने बिजली की मांग 229 GW पहुंचने का अनुमान लगाया है. बता दें कि 8 जून को बिजली की दैनिक मांग 222.9 GW तक पहुंच गई थी.
आम चुनाव 2024 और बिजली की अधिक मांग की संभावना को देखते हुए सरकार अगले साल तक कोयले के इंपोर्ट की समय सीमा को आगे बढ़ाती रहेगी.रूपेश सांखे, उपाध्यक्ष, एलारा सिक्योरिटीज एवं बिजली विश्लेषक
रूपेश साखे के मुताबिक कंपनियों को कोयले के इंपोर्ट में ज्यादा समस्या नहीं होगी, क्योंकि कोयले की कीमतें तब से 100 डॉलर प्रति टन तक गिर गई हैं.