एक महीने पहले तक 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर 4 गुना से भी ज्यादा महंगा हो गया है. खानपान का अहम हिस्सा टमाटर, ज्यादातर घरों की रसोई से दूर हो गया है. सलाद तो छोड़िए, किचन में सब्जियाें को भी इसके बिना ही चूल्हे पर पकना पड़ रहा है. ऐसे में आम लोगों को इसके 'स्वाद' से दूर होना पड़ रहा है.
उत्तर भारत के कई शहरों में अब तक टमाटर के भाव 160 से 180 रुपये तक चल रहे थे, लेकिन अब खबर है कि उत्तराखंड में टमाटर का भाव 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में टमाटर 250 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. वहीं उत्तरकाशी जिले में ये 180 से 200 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है. सब्जी बेचने वालों का कहना है कि इलाके में टमाटर अचानक महंगा हो गया है.
उत्तराकाशी के एक सब्जी विक्रेता राकेश ने कहा, 'टमाटर की बढ़ती कीमतों का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. ज्यादातर लोग इन्हें खरीदने को भी तैयार नहीं हैं. गंगोत्री, यमुनोत्री में टमाटर 200 रुपये से 250 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहे हैं.'
टमाटर समेत कई सब्जियों की कीमतों में तेज वृद्धि के लिए मौसम को जिम्मेदार बताया जा रहा है. कई लोगों ने प्रमुख टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में जारी गर्मी के साथ-साथ भारी बारिश को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मौसम के चलते सप्लाई चेन प्रभावित हुई है.
टमाटर की शेल्फ लाइफ भी अपेक्षाकृत कम होती है. यानी ये जल्दी खराब होने वाली सब्जी है. इससे भी माना जाता है कि इसका असर उनकी कीमतों पर पड़ रहा है.
ऊंची कीमतों के लिए मार्च और अप्रैल में अचानक तापमान में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसके परिणामस्वरूप टमाटर की उपज पर कीटों के हमले के कारण इसकी बाजार दर अधिक हो गई है.
कई राज्यों की तरह, कर्नाटक में भी हाल के दिनों में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं. बेंगलुरु में टमाटर की कीमतें 100 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक हैं. चेन्नई में टमाटर फिलहाल 100-130 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
तमिलनाडु सरकार ने बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं को कुछ राहत देने के लिए राजधानी चेन्नई में राशन की दुकानों पर 60 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर टमाटर बेचना शुरू कर दिया है. हालांकि तमिलनाडु या दूसरे राज्यों के लिए ये स्थायी उपाय नहीं हो सकते.