भारत समेत दुनियाभर के देशों में हर साल समुद्री सुनामी और भूकंप के चलते सैकड़ों लोगों की जानें जाती हैं, जबकि लाखों लोग प्रभावित होते हैं. इन आपदाओं के बारे में पहले से पता हो तो समय रहते तबाही से बचा जा सकता है. भारतीय वैज्ञानिकों के प्रयासों से ये अब संभव होगा.
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) ने देश की पहली सिनर्जिस्टिक ओशन ऑब्जर्वेशन प्रिडिक्शन सर्विस (SynOPS) लैब तैयार की है, जो महासागरों में संभावित भूकंप और सुनामी के संकेत एक घंटे पहले दे देगा. केंद्रीय भूविज्ञान मंत्री किरण रिजिजू (Kiran Rijiju) ने हाल ही में इस लैब का उद्घाटन किया.
हैदराबाद स्थित ये लैब समंदर के नीचे होने वाली हलचल पर नजर रखेगा. ये लैब पूरी तरह से एडवांस्ड सेंसर्स पर आधारित है. धरती पर जितने भी सागर और महासागर हैं, उनमें कई किलोमीटर गहराई तक होने वाली हर हलचल मिनटों में पता चल जाएगी. बताया जा रहा है कि सिनोप्स (SynOPS) ऐसी सूचनाओं की भविष्यवाणी करने वाली मौजूदा सिस्टम्स में से सबसे उन्नत सिस्टम है.
सिनोप्स से जो जानकारियां मिलेंगी, उसे आपदा प्रबंधन विभाग को फॉरवर्ड किया जाएगा. इससे NDRF और SDRF की टीम को समय रहते राहत और बचाव कार्य शुरू करने में मदद मिलेगी. अब तक सुनामी, समुद्री तूफान जैसी आपदाओं की सूचना के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मदद लेनी होती है, लेकिन अब सिनोप्स लैब हर तरह की जानकारी देने में सक्षम होगा.
सिनोप्स लैब के जरिये चक्रवाती तूफान (Cyclone) की सूचना 3 से 4 दिन पहले ही मिल जाएगी. इससे हिंद और प्रशांत महासागर समेत सारे समंदर की सूचनाएं एकत्र कर उनका विश्लेषण कर पाना संभव होगा. ये सिस्टम मछलियों की हलचल के बारे में भी सूचना देने में सक्षम है. यानी ये मछुआरों को ये बता पाएगा कि किस दिशा में ज्यादा मछलियां हो सकती हैं.