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Cabinet Decisions: सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनेगा रोपवे, कैबिनेट ने 4,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

केदारनाथ प्रोजेक्ट को पब्लिक प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) के तहत बनाया जाएगा. इसमें "ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S)" तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी03:55 PM IST, 05 Mar 2025NDTV Profit हिंदी
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कैबिनेट ने आज दो रोपवे प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दे दी है. केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे को कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबी 4,081.28 करोड़ रुपये की रोपवे परियोजना के निर्माण को मंजूरी दी गई है.

9 घंटे का सफर सिर्फ 36 मिनट का हो जाएगा

ये परियोजना डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (DBFOT) मोड पर विकसित की जाएगी. इस प्रोजेक्ट का ऐलान पहली बार अक्टूबर 2022 में "पर्वतमाला परियोजना" कार्यक्रम के तहत किया गया था. जिसका मकसद दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना है

केदारनाथ प्रोजेक्ट को पब्लिक प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) के तहत बनाया जाएगा. इसमें "ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3S)" तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसकी डिजाइन क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,800 यात्रियों की है. इससे प्रतिदिन 18,000 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी.

केदारनाथ रोपवे को उत्तराखंड डेवलपमेंट बोर्ड और NHAI लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के ज्वाइंट वेंचर से बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद दूरी काफी कम हो जाएगी. रोपवे परियोजना का मकसद केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज संपर्क सुविधा मुहैया करना है. जिससे एक दिशा में यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर 36 मिनट हो जाएगा.

अभी बहुत मुश्किल है रास्ता

मौजूदा समय में केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है, जिसे पैदल, खच्चर, पालकी या हेलीकॉप्टर से पूरा किया जाता है. प्रस्तावित रोपवे मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा मुहैया कराएगा और सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच हर मौसम में संपर्क सुनिश्चित करेगा.

केदारनाथ, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11,968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया (अप्रैल-मई) से दिवाली (अक्टूबर-नवंबर) तक लगभग 6-7 महीने तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है और इस दौरान लगभग 20 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं.

हेमकुंड साहिब रोपवे को भी मंजूरी

कैबिनेट ने हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दे दी है, जो 12.4 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी लागत 2,730 करोड़ रुपये होगी. वर्तमान में, हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल या टट्टू या पालकी द्वारा पूरा किया जाता है. प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिब जी आने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए बनाई गई है.

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