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H-1B वीजा के लिए नियमों को आसान बनाएगा अमेरिका! PM मोदी के दौरे से मिलेगी खुशखबरी: रिपोर्ट

भारतीय नागरिक H-1B कार्यक्रम के सबसे एक्टिव यूजर्स हैं, वित्त वर्ष 2022 में लगभग 442,000 H-1B वर्कर्स में से 73% भारतीय नागरिक हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:57 AM IST, 22 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अमेरिका की तीन दिन की यात्रा पर हैं, ऐसे में अमेरिका में जाकर काम करने की चाह रखने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स (Indian Professionals) या वहां रहकर काम कर रहे भारतीयों के लिए अच्छी खबर आ सकती है.

वीजा नियमों को आसान बनाएगा अमेरिका!

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बाइडेन प्रशासन भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना सकता है. रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि H-1B वीजा पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना अमेरिका में उनके वीजा को रीन्यू करा सकेंगे, इसका ऐलान अमेरिका का विदेश विभाग गुरुवार को कर सकता है.

पायलट प्रोग्राम का हिस्सा, आगे बढ़ाया जाएगा

ये एक पायलट प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसे आने वाले समय में विस्तार दिया जा सकता है. भारतीय नागरिक H-1B कार्यक्रम के सबसे एक्टिव यूजर्स हैं, वित्त वर्ष 2022 में लगभग 442,000 H-1B वर्कर्स में से 73% भारतीय नागरिक हैं.

एक दूसरे अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि 'हम सभी मानते हैं कि हमारे लोगों की गतिशीलता हमारे लिए एक बड़ी संपत्ति है, और इसलिए हमारा लक्ष्य एक तरह से बहुमुखी तरीके से संपर्क करना है. विदेश विभाग पहले से ही चीजों में बदलाव लाने के लिए नए-नए तरीके खोजने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है'

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने उन सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि किस प्रकार के वीजा योग्य होंगे या पायलट लॉन्च का समय क्या होगा. पायलट कार्यक्रम की योजना पहली बार फरवरी में ब्लूमबर्ग लॉ ने रिपोर्ट की थी.

हालांकि प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआत बहुत छोटी संख्या से होगी, अगले 1-2 वर्षों में इस पहल को और आगे बढ़ाया जाएगा. मगर उन्होंने ये नहीं बताया कि वो छोटी संख्या कितनी होगी. इस फैसले में बदलाव हो सकता है जबतक उनकी घोषणा नहीं हो जाती है तबतक उनको अंतिम रूप नहीं दिया जाता. व्हाइट हाउस ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

हर साल 65,000 H-1B वीजा

हर साल, अमेरिकी सरकार स्किल्ड विदेशी वर्कर्स की तलाश करने वाली कंपनियों को 65,000 H-1B वीजा उपलब्ध कराती है, साथ ही एडवांस्ड डिग्री वाले वर्कर्स के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा मुहैया कराया जाता है. ये वीजा तीन साल तक चलता है और इसे अगले तीन साल के लिए रीन्यू कराया जा सकता है. अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा H-1B कर्मचारियों का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों में भारत की इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ-साथ अमेरिका में अमेजन, अल्फाबेट और मेटा शामिल हैं.

रॉयटर्स को उसके सूत्रों में से एक ने कहा कि पायलट कार्यक्रम में L-1 वीजा वाले कुछ कर्मचारी भी शामिल होंगे, जो अमेरिका में किसी कंपनी के भीतर ही किसी पद पर ट्रांसफर होने वाले लोगों के लिए उपलब्ध होता है.

इन स्रोतों में से एक ने बताया कि भारत में अमेरिकी दूतावासों में वीजा आवेदनों के बैकलॉग को खत्म करने की एक अलग पहल आखिरकार आगे बढ़ती हुई दिख रही है, और इस हफ्ते वाशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस पर चर्चा होने की उम्मीद है.

छंटनी के बाद मुश्किलें बढ़ीं

भारत लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित था कि उसके नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए वीजा हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसमें टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के कर्मचारी भी शामिल हैं. अमेरिका में इस साल कंपनियों में जबरदस्त छंटनी हुई, जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया उनमें कुछ H-1B वीजा वाले कर्मचारी भी शामिल हैं. उनके सामने चुनौती ये है कि उन्हें 60 दिनों के "ग्रेस पीरियड" के भीतर नई कंपनी खोजनी होगी, नहीं तो वापस अपने देश लौटना होगा.

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