अमेरिका में बैठकर डॉलर छाप रहे भारतीयों और भारत में रह रहे उनके परिवारों के लिए ट्रंप सरकार एक और झटका देने की तैयारी कर रही है. अगर आपके बच्चे या रिश्तेदार अमेरिका में नौकरी करते हैं और हर महीने कुछ पैसे यहां भारत में आपके बैंक अकाउंट में भेजते हैं, तो ये तय मानिए कि अगली बार जब आपके अकाउंट में वो पैसे आएंगे तो आपके खाते में थोड़ी कम रकम आएगी, इसलिए नहीं कि पैसे कम भेजे बल्कि इसलिए कि अमेरिका की ट्रंप सरकार एक नया कानून लागू करने वाली है. जिससे रेमिटेंस के पैसों पर आपको टैक्स चुकाना पड़ेगा.
रेमिटेंस यानी अमेरिका या किसी दूसरे देश से भारत में भेजा गया पैसा. भारत में रेमिटेंस का इस्तेमाल आमतौर पर अपने परिवार की देखरेख, मदद के लिए किया जाता है. इन पैसों का इस्तेमाल पढ़ाई, चिकित्सा देखभाल या दैनिक घरेलू खर्चों के लिए होता है. इसके इस्तेमाल लोग भारत में निवेश, रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज खरीदने में भी करते हैं.
दरअसल, अमेरिका की ट्रंप सरकार ने एक बिल का प्रस्ताव दिया है, जिसके मुताबिक किसी भी रेमिटेंस जिसे अमेरिका से किसी दूसरे देश में भेजा गया हो, उस पर 5% टैक्स लगेगा. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि अमेरिका में रहने वाला कोई शख्स हर महीने भारत में अपने घर पर 10,000 डॉलर भेजता है, अब उसमें से 5% टैक्स काटकर मिलेगा, यानी उस रकम से 500 डॉलर काट लिए जाएंगे. ऐसे में इस 5% टैक्स कटौती की भरपाई करने के लिए उस शख्स को ज्यादा पैसा भारत में अपने घर पर भेजना होगा, ताकि घर पर पैसे की कमी न हो पाए.
अगर राष्ट्रपति ट्रंप का ये बिल पास हो गया, तो अमेरिका में रह रहे 4 करोड़ लोगों पर असर डालेगा, जिसमें वो लोग शामिल हैं, जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं और H1B वीजा, F-1 या ग्रीन कार्ड लेकर अमेरिका में रह रहे हैं. ये कानून अमेरिकी नागरिकों पर लागू नहीं होगा. जहां तक भारत का सवाल है, तो ये दुनिया में टॉप तीन सबसे ज्यादा रेमिटेंस भेजने वाली इमिग्रेंट कम्यूनिटीज में आता है, यही इसके लिए चिंता की बात है. ये बिल जून-जुलाई 2025 तक लागू हो सकता है.
विदेश मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 45 लाख प्रवासी भारतीय रहते हैं, इनमें करीब 32 लाख भारतीय मूल के लोग शामिल हैं. जो अलग अलग वीजा प्रोग्राम के तहत वहां पर हैं. ये लोग भारत में रेमिटेंस का एक बहुत बड़ा सोर्स या जरिया हैं. साल 2023 में अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों ने 23 बिलियन डॉलर भारत भेजे थे. रेमिटेंस भारतीय मुद्रा कोष को बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, भारत दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस हासिल करने वाला देश है. साल 2023 में भारत में 129 बिलियन डॉलर रेमिटेंस के तौर पर आए थे. अमेरिका से आने वाले रेमिटेंस का हिस्सा इसमें करीब 32 बिलियन डॉलर था, जिससे ये सबसे बड़ा स्रोत देश बन गया. अब रेमिटेंस पर 5% टैक्स लगता है तो करीब 1.6 बिलियन डॉलर सालाना का नुकसान हो सकता है.