देश की पहली बुलेट ट्रेन 2026 में चलेगी. वाइब्रेंट गुजरात समिट (Vibrant Gujarat Global Summit ) में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने इसका ऐलान किया.
पत्रकारों से बात करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि 272 किलोमीटर का वायाडक्ट या रेलवे ट्रैक तैयार किया जा चुका है. काम इतनी तेजी से चल रहा है कि 1 महीने में 12-14 किलोमीटर का वायाडक्ट बनकर तैयार हो रहा है. जो सबसे बड़ी दिक्कत महाराष्ट्र में मंजूरियों को लेकर थी, वो अब एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद दूर हो गई है, भूमि अधिग्रहम का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है.
रेल मंत्री ने बताया कि मुंबई के BKC (Bandra-Kurla Complex) में टर्मिनल स्टेशन पूरा का पूरा अंडरग्राउंड है. उसके ऊपर बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स हैं. इसका फाउंडेशन स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है. मुंबई से ठाणे के बीच में समुद्र के नीचे से जो टनल बनाई जानी है, इसके डिजाइन का काम हो चुका है, कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो चुका है. 8 नदियों पर 8 पुल बनाने का काम भी करीब करीब पूरा हो चुका है. इसको बाद साबरमती में डिपो का काम भी तेजी से चल रहा है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन का सपना अब हकीकत में बदल रहा है. रेल मंत्री ने इस बात पर जोर देकर कहा कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को ट्रांसपोर्टेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं मानकर चलना चाहिए, ये एक क्षेत्रीय विकास का प्रोजेक्ट है. उन्होंने इस बात को समझाते हुए कहा कि जापान के टोक्यो और ओसाका के बीच में बुलेट ट्रेन चलती है. इसके बीच में पांच शहर पड़ते हैं. टोक्यो, नागोया, कुबेरा, क्योटो और ओसाका ये अपने आप में पांच बड़ी अर्थव्यस्थाएं हैं, जब एक हाई स्पीड ट्रेन इनको जोड़ती है तो ये पांचों मिलकर एक इकोनॉमी बन जाती है.
इसी तरह हमारे यहां जो पहले सेक्शन बना है, मुंबई-ठाणे-वापी-सूरत-वडोदरा-आणंद-अहमदाबाद. ये सभी इकोनॉमी मिलकर एक इकोनॉमी बन जाएंगी. हाई स्पीड ट्रेन में सुविधा ये होती है कि कोई भी व्यक्ति एक अपने शहर से दूसरे शहर में काम करके वापस अपने घर लौट सकता है.