सुप्रीम कोर्ट NEET मामले में सख्त दिख रहा है. कोर्ट ने CBI से अब तक की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट मांगा है. CBI को ये रिपोर्ट बुधवार तक जमा करनी होगी. सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने CBI से सवालों की झड़ी लगा दी. मगर जांच एजेंसी के पास ज्यादातर सवालों के जवाब संतोषजनक नहीं थे. ऐसे में कोर्ट ने NTA और केंद्र से सभी सवालों के जवाब मांगे हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
कोर्ट ने कहा कि इन सवालों के जवाब के आधार पर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया जाएगा. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर NEET-UG परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई होगी तो दुबारा परीक्षा के आदेश दे सकते हैं.
मुख्य न्यायधीश ने ये भी पूछा कि इस मामले में कितने FIR दर्ज हुए है. कोर्ट ने कहा, "हम जानना चाहते है कि लीक का तरीका क्या है? ये कहां तक फैला है, अगर लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो इस पर हमें विस्तार से बताइए. क्योंकि हम 24 लाख छात्रों के भविष्य की बात कर रहे हैं. एक बात तो साफ है कि पेपर लीक हुआ. इसमें कोई संदेह नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है."
हालांकि अदालत ये भी साफ कर दिया कि परीक्षा रद्द करना अंतिम विकल्प होगा. इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी अपने हलफनामे में कहा है कि "अखिल भारतीय परीक्षा में किसी बड़ी गड़बड़ी के सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणाम को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा. बड़ी संख्या में छात्रों के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए"
CJI चंद्रचूड़ ने केंद्र से कहा कि "इस मामले में मल्टी डिस्पेलनरी कमिटी का गठन करना चाहिए. हमें किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए. हम देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा के बारे में डील कर रहे हैं. हम सरकार से जानना चाहते है कि उसने अब तक इस मामले में क्या किया है.केंद्र सरकार और NTA को सुप्रीम कोर्ट के सवालों के जवाब देने होंगे.
सोमवार की सुनवाई को देखकर लगता है कि सरकार और अदालत दोनों ही इस परीक्षा को रद्द करने के पक्ष में नहीं हैं. अब सबको गुरुवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार है. अब तक NEET परीक्षा में पास हुए छात्रों की काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है. ऐसे में उम्मीद है कि अदालत जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंच जाएगी.