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Bangladesh Crisis: शेख हसीना के कट्टर विरोधी डॉ यूनुस होंगे अंतरिम सरकार के प्रमुख, आर्थिक क्रांति के लिए मिल चुका है नोबेल पुरस्‍कार

साल 2008 में जब शेख हसीना, फिर से सत्ता में आई थीं तो उन्होंने डॉ यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू कर दी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:28 AM IST, 07 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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बांग्‍लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच बांग्लादेश के राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ माेहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया है. राष्ट्रपति के प्रेस सचिव जॉयनाल अबेदिन ने बताया कि छात्र आंदोलन के कोऑर्डिनेटर्स के साथ बैठक के बाद ये फैसला लिया गया.

उन्‍होंने कहा कि अंतरिम सरकार के बाकी सदस्यों का चयन देश के अलग-अलग राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करने के बाद किया जाएगा.

कौन हैं डॉ यूनुस?

डॉ यूनुस बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्‍त्री हैं. इन्होंने गरीबों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए कई कोशिशें की, जिनमें सबसे जरूरी गरीबों के लिए बैंकिंग सर्विसेज से जुड़े प्रयोग शामिल हैं. इन्‍हीं प्रयोगों के चलते बांग्लादेश को छोटे लोन (Small Loan) का केंद्र होने की पहचान मिली.

डॉ यूनुस को साल 2006 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था. ये पुरस्कार उनको ग्रामीण बैंक के जरिए गरीबी कम करने का अभियान चलाने के लिए दिया गया. उनके इस तरीके को और कई अन्‍य देशों ने भी फॉलो किया.

शेख हसीना की सरकार के साथ विवाद 

डॉ यूनुस का शेख हसीना सरकार के साथ भी विवाद रह चुका है. साल 2008 में जब शेख हसीना, फिर से सत्ता में आईं तो उन्होंने डॉ यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू कर दी.

साल 2011 में डॉ यूनुस को सरकारी नियमों का पालन ना करने के आरोप में उनको ग्रामीण बैंक के संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया.

कई मुख्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ-साथ हसीना सरकार के नए कार्यकाल में ढाका की एक अदालत ने 2024 की शुरुआत में ही उन्‍हें सजा सुनाई थी.

मो यूनुस को लेबर लॉ को तोड़ने के केस में 6 महीने की सजा सुनाई गई थी. हालांकि उन्हें जमानत भी मिल गई थी और अपील करने के लिए 30 दिनों की मोहलत भी दी गई थी.

नॉन प्रॉफिट कंपनी चलाते हैं युनूस

डॉ यूनुस नॉन प्रॉफिट कंपनी चलाते हैं, जिसका नाम ग्रामीण टेलिकॉम है. वे इसके चेयरमैन हैं. इस कंपनी की बांग्लादेश के टेलिकॉम सेक्टर में 34 % की हिस्सेदारी है.

उन पर आरोप है कि कंपनी के 67 कर्मचारियों की नौकरी को स्थाई किया जाना था, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. नियमों के मुताबिक कर्मचारी के कल्याण कोष की स्थापना भी नहीं की गई.

साथ ही कंपनी की नीति के मुताबिक डेविडेंड में से 5 % कर्मचारियों को दिया जाना था, जो नहीं दिया गया. इन्हीं आरोपों के आधार पर डॉ यूनुस के साथ कंपनी के तीन और बोर्ड मेंबर्स को भी सजा सुनाई गई थी.  

विदेश से लौट कर लेंगे शपथ

डॉ यूनुस इन दिनों विदेश में हैं. वे ओलिंपिक 2024 में मुख्य अतिथि के तौर पर पेरिस गए थे, लेकिन फिलहाल वे अपने इलाज के लिए विदेश में हैं. उनके जल्द ही बांग्लादेश लौटने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसके बाद वे नई सरकार में शपथ ले सकते हैं.

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