चीन से एक और बड़े वायरस की खबर है. चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर्स ने बताया कि उन्होंने चमगादड़ों में एक नया कोरोना वायरस मिला है, जो वही गेटवे इस्तेमाल करता है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 के कारण होने वाला वायरस भी करता है.
राहत की बात ये है कि ये वायरस अभी तक इंसानों में नहीं पाया गया है, सिर्फ लैब में ही इसकी पहचान की गई है. इस रिसर्च की जानकारी के बाद शुक्रवार को कुछ वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में उछाल भी देखा गया.
मॉडर्ना इंक. के शेयर शुक्रवार दोपहर में 6.6% तक बढ़ गए, और नोवावैक्स इंक. के शेयर 7.8% तक बढ़े. बायोएनटेक SE के अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसिप्ट्स, जो कि फाइजर इंक. के कोविड वैक्सीन पार्टनर हैं, 5.1% तक चढ़े. फाइजर के शेयर भी 2.6% तक बढ़े.
लैब में की गई ये रिसर्च इस संभावना को जन्म देती है कि ये नया बैट वायरस जानवरों से इंसानों में फैल सकता है, जैसा कि शोधकर्ताओं ने मंगलवार को ‘सेल’ जर्नल में पब्लिश्ड अपने पेपर में कहा.
वुहान वायरस रिसर्च सेंटर को चमगादड़ के कोरोना वायरस पर अपने काम के लिए जाना जाता है. कोविड महामारी की शुरुआत को लेकर एक थ्योरी ये भी कहती है कि ये वायरस इस लैब से लीक हुआ, शायद किसी संक्रमित कर्मचारी के जरिए. इंस्टिट्यूट के रिसर्चर्स ने पहले तो इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने ऐसे किसी वायरस पर काम नहीं कियाो, जो महामारी का कारण बन सकता था. 2023 में इस विवाद के बीच, अमेरिका ने इस लैब को मिलने वाली फंडिंग को रोक दिया था, जो US-बेस्ड ईकोहेल्थ अलायंस के जरिए आ रही थी.
इस नए बैट वायरस में वह प्रोटीन पाया जाता है, जो इंसानों और अन्य मैमल्स के शरीर में हर जगह पाया जाता है, और ये वायरस उसी के साथ जुड़कर कोशिकाओं में एंटर करता है. ये वायरस मिडल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (MERS) से जुड़ा है.
MERS वायरस 2012 से मई 2024 तक लगभग 2,600 लोगों में पाया गया था, और इससे संक्रमित लोगों में से करीब 36% की मौत हो गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक ज्यादातर मामले सऊदी अरब में थे.