अफ्रीकी देश लीबिया में तूफान और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है. डैनियल तूफान (Daniel Storm) के चलते आई बाढ़ में 2000 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है. सबसे ज्यादा तबाही डर्ना में हुई है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी लीबिया सरकार के मनोनीत नेता (प्रधानमंत्री) ओसामा हमाद ने तटीय शहर डर्ना में 2,000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और हजारों लोगों के लापता होने की बात कही है. बेंगाजी, सॉसे और अल-बायदा में भी तबाही की खबर है.
एक दशक से ज्यादा समय से संघर्ष से जूझ रहे लीबिया में सरकार पूर्व और पश्चिम में बंटी हुई है. पूर्वी लीबिया और पश्चिमी लीबिया में प्रतिद्वंद्वी सरकारें चलती हैं. दोनों सरकारों ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है.
पूर्वी लीबिया के एक अधिकारी ने कहा कि भूमध्यसागर में भयंकर तूफान आने के चलते विनाशकारी बाढ़ आई और तटीय शहरों में इमारतें ढहती चली गईं. हजारों लोगाें के लापता होने की आशंका है.
ब्लूमबर्ग ने मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से बताया है कि पूर्वी लीबिया के सभी मुख्य तेल बंदरगाहों ने खराब मौसम के चलते रविवार को परिचालन रोक दिया. इन्हें दोबारा खोलना मौसम की स्थितियों पर निर्भर करेगा.
धरती के मौसम विज्ञान का सैटेलाइट से अवलोकन करने वाली एजेंसी जूम अर्थ ने डैनियल स्टॉर्म के उत्तरी मिस्र में जाने की संभावना जताई है. एजेंसी ने कहा है कि अगले 24 घंटों में भारी बारिश हो सकती है, हालांकि तूफान का असर भी कम हो जाएगा.
दूसरी ओर एक और अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप से मरनेवालों की संख्या बढ़कर 2,800 के पार चली गई है. शुक्रवार की रात वहां आए भूकंप में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 2,862 हो गई है, जबकि 2,562 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
विश्व धरोहर सूची में शामिल मारकेच शहर को भी भारी नुकसान पहुंचा है. प्राचीन शहर में संजोकर रखी गईं प्राचीन इमारतें जमीन हिलने से धराशाई हो गई हैं. ब्रिटेन, स्पेन, कतर, इजरायल और UAE की सहभागिता वाले संयुक्त अभियान के तहत राहत और बचाव दल के जवाब, दूरदराज के इलाकों में पहुंचने लगे हैं.