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Fed Rate Hike: क्या वाकई फेड नहीं बढ़ाएगा ब्याज दरें? SVB संकट के बाद कैसे बदली हवा

निवेशकों, ग्राहकों के सेंटीमेंट्स में सुधार आए उनका कॉन्फिडेंस दोबारा बैंकिंग सिस्टम पर लौटे इसके लिए जरूरी है कि फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी को यहीं पर बंद करे.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी11:24 AM IST, 16 Mar 2023NDTV Profit हिंदी
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अमेरिका में तीन बैंकों का हफ्ते भर के अंदर बंद हो जाना, ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में ये कोई छोटी मोटी घटना नहीं नहीं है. इसकी धमक दुनिया भर के बाजारों पर दिखाई दी.एशियाई से लेकर यूरोप तक के शेयर बाजार अपने घुटनों पर आ गए, जिसकी आंच अब यूरोप के बैंकिंग सिस्टम तक पहुंच चुकी है, ताजा मामला क्रेडिट सुईस का है.

लेकिन अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक क्यों डूबा, इसके लिए जिम्मेदार अमेरिका में बढ़ती ऊंची ब्याज दरें हैं, जिसके जोखिमों को बैंक ने अनदेखा किया. एक्सपर्ट्स तो ये कह रहे हैं कि सिलिकॉन वैली बैंक में जो हुआ, वो आखिरी घटना नहीं है, आशंका इस बात की है ऐसे ही ऐसे कई छोटे मोटे बैंक बंद होने की कगार पर है, जिनकी संख्या करीब 200 हो सकती है.

आने वाले दिनों में ये दिखाई भी देगा, ये खतरा तब और ज्यादा बढ़ेगा, अगर फेड ब्याज दरों पर लगाम नहीं लगाता है.

फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी अब नहीं करेगा?

पूरी दुनिया फेड के नक्शे कदम पर चलती है, ये किसी से छिपा नहीं है. सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक और अब यूरोप के क्रेडिट सुईस में जो कुछ हुआ, वो यहीं पर थम जाए और निवेशकों, ग्राहकों के सेंटीमेंट्स में सुधार आए उनका कॉन्फिडेंस दोबारा बैंकिंग सिस्टम पर लौटे इसके लिए जरूरी है कि फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी को यहीं पर बंद करे.

बैंकिंग क्राइसिस के पहले तक जो एक्सपर्ट्स ये मान रहे थे कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मार्च में होने वाली बैठक में ब्याज दरें बढ़ाने की रफ्तार तेज करेगा, और फेड 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है.

एक्सपर्ट्स का नजरिया अचानक ही बदलने लगा है. कई एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि फेड मार्च पॉलिसी में ज्यादा से ज्यादा 25 बेसिस प्वाइंट ही बढ़ोतरी करेगा, लेकिन संभावना इस बात की भी है कि बैंकिंग क्राइसिस को देखते हुए दरों में कोई बदलाव न किया जाए.

फेड ब्याज दरें अब नहीं बढ़ाएगा: बॉब मिशेल

जे पी मॉर्गन के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर बॉब मिशेल का मानना है कि अगले हफ्ते फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी को थाम लेगा. ब्लूमबर्ग टीवी से एक इंटरव्यू के दौरान मिशेल ने कहा कि ब्याज दरें अब अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं और महंगाई का मुद्दा अब कल की बात हो चुकी है, अब फेड की प्राथमिकता वित्तीय स्थिरता होनी चाहिए. मिशेल ने कहा कि अब हमारे सामने क्रेडिट सुईस जैसा संकट है, मेरा मानना है कि ऐसे में उन्हें ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकना ही चाहिए.

मिशेल ने कहा कि इस हफ्ते ECB की ओर से दरें बढ़ाना और फिर अगले हफ्ते फेड का दरें बढ़ाने का फैसला होता है तो ये ECB की साल 2008 में दरें बढ़ाने के बाद सबसे बड़ी चूक होगी. मिशेल ने कहा कि मंदी तो आने वाली है, इसे कोई नहीं रोक सकता, और सबसे अच्छी रणनीति फिलहाल यही है कि हाई क्वालिटी वाले बॉन्ड्स में निवेश करना जारी रखें.

मार्च में आखिरी बढ़ोतरी होगी: जेफरी गुंडलाच

CNBC से बातचीत के दौरान डबललाइन कैपिटल के जेफरी गुंडलाच का कहना है कि मार्च की बैठक में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा और ये इस साल की आखिरी बढ़ोतरी होगी. इतना ही नहीं जेफरी ने कहा कि अगर ये बढ़ोतरी 25 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा होती है तो इससे सेंट्रल बैंक की विश्वसनीयता को धक्का लगेगा.

डबललाइन कैपिटल के संस्थापक जेफरी गुंडलाच ने ये भी कहा कि वो इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं हैं कि आने वाली महंगाई दर के आंकड़े SVB फाइनेंशियल के संकट के आगे फेड की दरों के लिए कितने जरूरी हैं या प्रासिंगक हैं.

फेड ब्याज दरों को 'होल्ड' करेगा: एंड्रूयू हॉलैंड

एवेन्यू कैपिटल अल्टरनेट स्ट्र्रैटेजीज के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर एंड्र्यू हॉलैंड का कहना है कि सिलिकॉन वैली बैंक डूबने की वजह से इसका असर दूसरे बैंकों पर न पड़े, इसलिए अमेरिका में फेड का ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला अब खत्म होने को है. एंड्र्यू हॉलैंड ने BQ प्राइम के नीरज शाह के साथ बातचीत में कहा कि - फेड के पास विकल्प होगा कि वो इक्विटी में निवेशकों को थोड़ी राहत दे या फिर ब्याज दरें 25 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर स्थिति का जायजा ले.

एंड्र्यू हॉलैंड ने उम्मीद जताई कि फेड ब्याज दरों को घटाने की बजाय इसको 'होल्ड' करेगा. इससे महंगाई नीचे आएगी और इमर्जिंग मार्केट्स से ग्रोथ भी लौटेगी.

इस साल दरें 100 bps कम होंगी :बॉन्ड ट्रेडर्स

एक्सपर्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि फेड ब्याज दरों को लेकर ज्यादा आक्रमकता नहीं दिखाएगा, तो दूसरी तरफ बॉन्ड ट्रेडर्स मान रहे हैं कि अब ब्याज दरें कम होने का वक्त आ गया है. दरअसल, इस बैंकिंग संकट का असर अमेरिका के ट्रेजरी यील्ड्स पर भी दिखा है. 2 साल की बॉन्ड यील्ड 54 बेसिस प्वाइंट गिरकर 3.71% पर आ गई है, जो कि मिड-सितंबर के बाद से सबसे कम है. 10 साल की बॉन्ड यील्ड भी 31 बेसिस प्वाइंट गिरकर 3.38% पर आ गई है, जो कि जनवरी के बाद सबसे निचला स्तर है.

बॉन्ड ट्रेडर्स ये मानकर चल रहे हैं कि साल के अंत तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर सकता है. साथ ही बैंक ऑफ इंग्लैंड और यूरोपियन सेंट्रल बैंक भी आगे ब्याज दरें नहीं बढ़ाएंगे.

क्या कहते हैं अमेरिका के आर्थिक आंकड़े

बैंकिंग संकट ही नहीं, एक और बड़ी वजह भी है कि फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी का पहिया थाम सकता है. अमेरिका में प्रोड्यूसर्स प्राइस और रिटेल बिक्री दोनों ही फरवरी के महीने में कम हुए हैं. इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व के पास थोड़ा ज्यादा लेगरूम होगा कि वो दरों पर लगाम लगा सके.

फरवरी में प्रोड्यूसर्स प्राइस इंडेक्स (PPI) जो कि थोक कीमतों का पैमाना है, पिछले महीने के मुकाबले 0.1% गिर गया. फेड के लिए PPI के आंकड़े ब्याज दरों को तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.

PPI के कम होने के मतलब ये हुआ कि इकोनॉमी पर महंगाई का दबाव थोड़ा सा कम हो रहा है. इसके पहले रिटेल बिक्री में पिछले महीने जनवरी के मुकाबले 0.4% की गिरावट भी देखने को मिली है.

ये इस बात का संकेत देता है कि उपभोक्ता बढ़ती ब्याज दरों और लगातार बढ़ती महंगाई के बीच बहुत सोच समझकर खर्च कर रहे हैं.

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