G20 Summit 2023: दुनिया की 85% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करने वाले शक्तिशाली समूह G20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल कर लिया गया है.
भारत की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में हो रहे G20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र 'वन अर्थ' के दौरान अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्यता दी गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमनी (African Union President Ajali Assoumani) को गले लगाकर उनका G20 समूह में स्वागत किया.
PM मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ये प्रस्ताव रखा, जो कि एजेंडे में पहले से तय था. सभी G20 देशों के नेताओं ने इस पर सहमति दी और अफ्रीकन यूनियन का ताली बजाकर स्वागत किया.
PM मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, 'मैं इस सत्र में आगे की चर्चा शुरू करने से पहले नए स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को अपना स्थान ग्रहण करने का आग्रह करता हूं.' इसके बाद अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष का उन्होंने गले लगाकर स्वागत किया.
अफ्रीकन यूनियन 55 देशों का संगठन है, जिसे जुलाई 2002 में दुनिया के सामने लॉन्च किया गया. उससे पहले इन देशों का एक 'ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी' अस्तित्व में था, जिसके गठन की घोषणा 1963 में 32 अफ्रीकी देशों के प्रमुखों ने इथोपिया के अदिस अबाबा में की थी. इस संगठन का अस्तित्व 1999 तक रहा.
फिर 2002 में अफ्रीकन यूनियन अस्तित्व में आया. इसकी स्थापना 26 मई 2001 को अदीस अबाबा, इथियोपिया में हुई थी और 9 जुलाई 2002 को दक्षिण अफ्रीका में इस संघ को लॉन्च किया गया.
पश्चिमी देशों को अफ्रीकन यूनियन के महत्व का अंदाज तब हुआ जब मार्च 2022 में यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग हुई. रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर अफ्रीकन यूनियन के 25 देश उस वोटिंग में शामिल नहीं हुए. उसके बाद से ही पश्चिम देश, अफ्रीका को अपने पाले में लेने की कोशिश करने लगे. हालांकि इस दौरान रूस और चीन भी अपने संबंध प्रगाढ़ करने की कोशिश करते रहे.