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India-Canada Row: जस्टिन ट्रूडो ने माना- 'ठोस सबूत नहीं थे', फिर भी जिद पर अड़ा है कनाडा!

ट्रूडो ने कहा कि भारतीय पक्ष ने सबूत मांगे और हमारा जवाब था, ये आपकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:45 AM IST, 17 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि जब उन्होंने पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और 'ठोस सबूत' नहीं थे.

संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के सिलसिले में ट्रूडो ने गवाही देते समय यह बात कही.

कनाडा ने लगाए आरोप

ट्रूडो ने कहा, 'मुझे इस तथ्य के बारे में जानकारी दी गई कि कनाडा और संभवतः 'फाइव आईज' सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली है, जिससे ये स्पष्ट हो गया कि भारत इसमें शामिल था... भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में शामिल थे.'

उन्‍होंने कहा कि ये ऐसी चीज है जिसे उनकी सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया. बता दें कि 'फाइव आईज' नेटवर्क पांच देशों का एक खुफिया गठजोड़ है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं.

जिद पर अड़े हुए हैं ट्रूडो

ट्रूडो ने कहा, 'भारत ने वास्तव में ऐसा किया और हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि उन्होंने ऐसा किया.' कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस दौरान ये आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक कनाडा के उन लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे थे जो भारत सरकार से असहमत हैं.

उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार का तात्कालिक दृष्टिकोण भारत सरकार के साथ मिलकर इस पर काम करना है, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके.

'...तो हो जाती असहज स्थिति'

पिछले वर्ष सितंबर में भारत में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये भारत के लिए एक बड़ा अवसर था और कनाडा उस समय यदि इन आरोपों को सार्वजनिक कर देता तो भारत के लिए बहुत असहज स्थिति बन सकती थी. उन्होंने कहा, 'हमने ऐसा नहीं करने का फैसला किया. हमने पर्दे के पीछे काम करना जारी रखने का फैसला किया ताकि भारत हमारे साथ सहयोग करे.'

'भारत ने मांगे थे सबूत, लेकिन...'

ट्रूडो ने कहा कि भारतीय पक्ष ने सबूत मांगे और हमारा जवाब था, ये आपकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है. आगे उन्होंने कहा, 'और उस समय, ये मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी, न कि ठोस सबूत. इसलिए हमने कहा, चलिए, साथ मिलकर काम करते हैं और आपकी सुरक्षा सेवाओं पर नजर डालते हैं और शायद हम ये काम कर सकें.'

ट्रूडो ने कहा, 'हमने जांच शुरू की. इन आरोपों और हमारी जांच को लेकर भारत ने हमारी सरकार पर हमले तेज कर दिए. कनाडा की संप्रभुता, लोगों को निशाना बनाया गया, भारत से कनाडा के दर्जनों राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया.'

उन्होंने कहा कि यह RCMP का दृढ़ निश्चय था कि वो उस कड़ी, या उस क्रम, उस साजिश का पर्दाफाश करके सारी चीजें सार्वजनिक करेगी. RCMP ने ये भी आरोप लगाया कि बिश्नोई गिरोह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है, जो देश में विशेष रूप से 'खालिस्तानी समर्थक तत्वों' को निशाना बना रहा है.

पूरे मामले में भारत की कार्रवाई 

भारतीय एजेंटों को कनाडा में आपराधिक गिरोहों से जोड़ने के कनाडा के आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया. भारत ने कनाडा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसने निज्जर मामले में भारत से सबूत साझा किए हैं. सूत्रों ने नई दिल्ली में, ट्रूडो के पिछले आरोपों को भी खारिज कर दिया कि भारत, कनाडाई नागरिकों को उनके देश में निशाना बनाने के लिए गुप्त अभियान चलाने सहित अन्य गतिविधियों में शामिल था.

बता दें कि भारत ने कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और निज्जर की हत्या की जांच से राजदूत को जोड़ने के आरोपों को खारिज करने के बाद कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है. निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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