भारत और फ्रांस ने सोमवार को 63 हजार करोड़ रुपये में 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीदने का बड़ा समझौता किया. इस इंटर-गवर्मेंटल एग्रीमेंट पर वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान साइन किए गए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहे. भारत इन जेट्स को फ्रांस की डिफेंस कंपनी डसॉल्ट एविएशन से खरीदेगा. इन्हें भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 3 हफ्ते पहले इस डील को मंजूरी दी थी. अब औपचारिक रूप से समझौते पर दस्तखत कर दिए गए हैं.
समझौते के मुताबिक, राफेल जेट्स की डिलीवरी अनुबंध साइन होने के करीब पांच साल बाद शुरू होगी. यानी 2030 के आसपास भारतीय नौसेना को ये ताकतवर फाइटर जेट मिलने लगेंगे.
डील की वैल्यू: 63,000 करोड़ रुपये
कितने जेट्स: 26 राफेल मरीन वर्जन
कहां तैनाती: INS विक्रांत
डिलीवरी: साल 2030 तक
राफेल जेट्स के साथ नौसेना को जरूरी हथियार सिस्टम, सहायक उपकरण और स्पेयर पार्ट्स भी मिलेंगे. ये सभी डसॉल्ट एविएशन सप्लाई करेगी. बता दें कि जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने इस खरीद को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. इसके बाद कई दौर की बातचीत और तकनीकी परीक्षण किए गए थे. अब जाकर ये डील फाइनल हुई है.