नोबेल कमिटी 2024 का नोबेल पुरस्कार जापान के संगठन निहोन हिदांक्यो को देने का ऐलान किया है. संगठन परमाणु बम सर्वाइवर्स का ग्रासरूट ऑर्गेनाइजेशन है. ये संगठन दशकों से परमाणु हथियारों से रहित दुनिया को प्रोमोट करने की दिशा में काम कर रहा है.
हिबाकुशा नाम से पहचाना जाने वाला संगठन हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु विस्फोट के सर्वाइवर्स का प्रतिनिधित्व करता है. संगठन की कोशिश है कि भविष्य में कभी इस तरह के हथियारों का उपयोग ना हो.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नोबेल कमिटी ने लिखा, 'परमाणु हथियार रहित दुनिया बनाने की कोशिशों और गवाहों की गवाही के जरिए ये दिखाने के लिए क्यों ऐसे हथियारों का कभी दोबारा उपयोग नहीं किया जाना चाहिए' के लिए ये पुरस्कार जापानीज ऑर्गेनाइजेशन निहोन हिदांक्यो को दिया जा रहा है.
बता दें दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को जापान में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने परमाणु हमला किया था. इनमें करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हुई थी. जबकि आने वाली कई पीढ़ियां इस हमले का दंश झेलने को मजबूर हो गई थीं.
परमाणु रेडिएशन के चलते कई जेनरेशन को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. इस हमले के बाद धुरी शक्तियों ने सरेंडर कर दिया था और मित्र देशों की जीत हुई थी.
2023 में ईरान की महिला पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता नर्गिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को शांति का नोबेल प्राइज दिया गया था. मोहम्मदी 2016 से जेल में बंद हैं.
उन्हें ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष और मानवाधिकारों के प्रोत्साहन की दिशा में काम करने के लिए ये प्राइज दिया गया था.