अमेरिका और फ्रांस के बाद ब्रिटेन (UK) ने भी भारत को UNSC में स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) ने कहा कि वो भारत को स्थाई सदस्य के तौर पर देखना चाहते हैं. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 69वें सेशन की डिबेट को संबोधित करते हुए कीर स्टार्मर ने कहा कि UNSC को 'ज्यादा रिप्रेजेंटेटिव बॉडी' बनने के लिए बदलना होगा, जो काम करने के लिए तैयार हो और राजनीति रूप से पंगु न हो.
उन्होंने कहा कि 'हम UNSC में भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील को स्थाई सदस्य के रूप में देखना चाहते हैं. साथ ही स्थाई अफ्रीकी प्रतिनिधित्व भी चाहते हैं. हम निर्वाचित सदस्यों के लिए भी ज्यादा सीटें चाहते हैं.'
मौजूदा समय में UNSC में पांच स्थाई सदस्य और 10 गैर-स्थाई सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें दो साल की अवधि के लिए चुना जाता है. पांच सदस्यों में रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका शामिल हैं, जिन्हें किसी भी बड़े रेजॉल्यूशन में वीटो का पावर है.
इससे पहले बुधवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत को UNSC के स्थाई सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का मजबूती के साथ समर्थन किया था. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से कहा था कि 'जब तक हमारे पास एक ब्लॉक्ड सुरक्षा परिषद है, मैं कहना चाहूंगा कि तब तक हमें हर पक्ष के हितों के मुताबिक आगे बढ़ने में कठिनाई होगी.'
मैक्रों ने कहा, 'इसलिए आइए हम इन संयुक्त राष्ट्र को और ज्यादा प्रभावी बनाएं, सबसे पहले उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाकर. यही वजह है कि फ्रांस और मैं यहां दोहराता हूं, सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है. जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को UNSC का स्थायी सदस्य होना चाहिए. साथ ही दो ऐसे देश भी होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा.'
पिछले हफ्ते जो बाइडेन ने भी UNSC के स्थाई सदस्य के रूप में भारत को समर्थन दिया था. शनिवार को डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने घर पर पीएम मोदी के साथ बातचीत में बाइडेन ने कहा था कि 'अमेरिका भारत की अहम आवाज को दिखाने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नई दिल्ली की स्थाई सदस्यता भी शामिल है.'