OPEC+ ने गिरती क्रूड ऑयल कीमतों के बीच 2 महीने के लिए सप्लाई को ना बढ़ाने का फैसला किया है. मतलब अब ग्रुप के सदस्य देश अक्टूबर में 1,80,000 बैरल/दिन सप्लाई बढ़ाने के पुराने प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ेंगे.
बता दें चीन और अमेरिका जैसे बड़े कंज्यूमर्स के कमजोर इकोनॉमिक डेटा के चलते इस हफ्ते की शुरुआत में क्रूड ऑयल की कीमतें 73 डॉलर/बैरल के नीचे पहुंच गई थीं. इससे कंज्यूमर्स को तो राहत मिली थी, लेकिन OPEC देशों को ये प्राइस काफी कम महसूस हो रहा था.
OPEC+ ने जून में 2022 से सप्लाई में हो रही कटौती को खत्म करने पर सहमति जताई थी. हालांकि योजना पेश करने के बाद से ही ये कहा जा रहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो इस कदम को रोका जा सकता है. इस प्रस्ताव पर रूस और सऊदी अरब के नेतृत्व में हुई बातचीत के बाद सहमति बनी थी.
दरअसल अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग डेटा आर्थिक सुस्ती के गहराने का इशारा कर रहा है. ऐसे में वहां ऑयल इंपोर्ट कम होने की संभावना है. इसी तरह चीन, समेत अन्य बड़े बाजारों में भी खपत के बढ़ने की संभावना नहीं है. अगस्त के आखिर में पब्लिश एक नोट में गोल्डमैन सैक्स ने भी चीन में तेल की खपत बड़ी मात्रा में घटने की बात कही थी.
इससे पहले लीबिया में तेल निकासी पर लगी रोक के बाद सप्लाई बढ़ाने के कदम पर आगे बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा था. बता दें लीबिया में विद्रोही सरकार ने 5,00,000 बैरल/दिन की ऑयल सप्लाई रोक दी थी. हालांकि बाद में तेल सप्लाई जारी रखने पर सहमति बनती नजर आई थी.