म्यामांर और थाईलैंड में शुक्रवार को बेहद तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. म्यांमार में भूकंप के दो बड़े झटके आए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक पहले भूकंप की तीव्रता 7.5 रही, वहीं दूसरा भूकंप 7.0 तीव्रता का आया. भूकंप के झटके वियतनाम में और भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में भी महसूस किए गए.
भूकंप पर नजर रखने वाली अमेरिकी संस्था USGS ने बताया कि म्यांमार में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर पहले 7.7 रही. ये शक्तिशाली भूकंप म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में आया. इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर है.
वहीं बैंकॉक में जो भूकंप आया वो इतना शक्तिशाली था कि गगनचुंबी इमारतों के पूल का पानी भी झरने की तरह नीचे आने लगा. सोशल मीडिया पर म्यांमार और बैंकॉक के भूकंप के जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उसमें भारी तबाही साफ देखी जा सकती है.
थाईलैंड और म्यांमार के बाद भारत के मेघालय में भी शुक्रवार दोपहर को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 रही, लेकिन इसकी गहराई केवल 5 किलोमीटर रहने के चलते लोगों को भूकंप के तेज झटके महसूस हुए. भूकंप की जब गहराई कम होती है तो ऐसी स्थिति में भूकंप के तेज झटके महसूस किए जाते हैं.
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से हुई तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है. उन्होंने X पोस्ट में कहा, 'भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं.'
उन्होंने कहा, 'भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है. साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है.'
म्यांमार के अलावा बैंकॉक में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, दफ्तरों और दुकानों को खाली कराया गया. AFP के मुताबिक चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान में भूकंप महसूस किया गया. बैंकॉक में लोगों ने बताया कि लोग घबराकर सड़कों पर निकल आए और स्विमिंग पूल से पानी निकलने लगा.
बैंकॉक में भूकंप इतना तेज था कि लोग बुरी तरह सहम गए. भूकंप के दौरान इमारतें हिलने लगीं, इसलिए कई लोगों को सुरक्षा के लिए बाहर निकाला गया. लोग ऊंची बिल्डिंग और ऊंची इमारतों से बाहर आ गए. ऊंची मंजिलों पर स्विमिंग पूलों से पानी बाहर निकल आया.
म्यामांर में भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में, मोनीवा से लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) पूर्व में स्थित था. सागाइंग फॉल्ट दुनियाभर के तमाम देशों में भूकंप के सबसे बड़े भूकंप आने वाले क्षेत्रों में से एक है, जहां पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप आए हैं.
म्यांमार के इतिहास में सबसे घातक भूकंप, 23 मई, 1912 को ताउंगगी के पास आया था, जिसकी तीव्रता 7.9 थी, जिससे काफी नुकसान हुआ और लोग हताहत हुए. ये भूकंप ताउंगगी से 21 मील (33 किमी) उत्तर-पश्चिम में आया था, जिससे भारी तबाही हुई थी.