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भारत की यात्रा टाल कर अचानक चीन पहुंचे एलन मस्क, आखिर क्यों बदला प्लान?

मामले की जानकरी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि अपनी चीन यात्रा के दौरान एलन मस्क ने बीजिंग में चीन के अधिकारियों से मुलाकात कर फुल सेल्फ-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर को शुरू करने और विदेशों में डेटा ट्रांसफर करने की मंजूरियों पर चर्चा की.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:03 AM IST, 29 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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टेस्ला के मालिक एलन मस्क आने वाले तो भारत की यात्रा पर थे, लेकिन अचानक अपने प्रोग्राम को कैंसिल करके वो रविवार को चीन के सरप्राइज विजिट पर चले गए. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एलन मस्क का ये दौरा उनके ड्राइवर-असिस्टेंस सॉफ्टवेयर की मंजूरी के लिए था.

भारत से पहले चीन पहुंचे मस्क

एलन मस्क ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग (Premier Li Qiang) के साथ मुलाकात की फोटो भी X पर शेयर की. चीन के प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री ली कियांग से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. हम एक-दूसरे को कई वर्षों से जानते हैं, शंघाई के शुरुआती दिनों से."

चीन की चीनी सरकारी मीडिया ने बताया कि उन्होंने बीजिंग में प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की, जिसके दौरान ली कियांग ने एलन मस्क से कहा कि चीन में टेस्ला के विकास को अमेरिका-चीन आर्थिक और व्यापार सहयोग का एक सफल उदाहरण माना जा सकता है. ली ने कहा कि - उनका देश हमेशा विदेशी कंपनियों के लिए खुला है.

एलन मस्क की चीन की यात्रा पहले से तय नहीं थी, बल्कि वो भारत की यात्रा पर आने वाले थे, इस दौरे पर वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले थे, लेकिन अचानक ही उन्होंने कुछ बहुत बड़े दायित्वों का हवाला देते हुए भारत की यात्रा को आगे के लिए टाल दिया.

चीन की यात्रा पर क्यों गए मस्क

मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि अपनी चीन यात्रा के दौरान एलन मस्क ने बीजिंग में चीन के अधिकारियों से मुलाकात कर फुल सेल्फ-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर को शुरू करने और विदेशों में डेटा ट्रांसफर करने की मंजूरियों पर चर्चा की.

दरअसल इन फीचर्स पर लगातार निगरानी की जरूरत होती है और ये टेस्ला को ऑटोनॉमस नहीं बनाते हैं, जबकि अमेरिका में कंपनी FSD को खरीदने के लिए 8,000 डॉलर वसूलती है और मंथली सब्सक्रिप्शन 99 डॉलर का है, इससे कंपनी की अमेरिका में जबरदस्त कमाई होती है.

कैमरों के आस-पास की संवेदनशीलता के चलते FSD के लिए चीन से मंजूरी मिलना आसान नहीं हैं, और टेस्ला का ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम इसी पर निर्भर करता है. साथ ही कंपनी की टेक्नोलॉजी की सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं, वो अलग मुद्दा है.

टेस्ला गाड़ियों पर बैन लगा चुका है चीन

आपको बता दें कि डेटा-कलेक्शन की चिंताओं को देखते हुए टेस्ला की गाड़ियों के इस्तेमाल पर चीन में बैन भी लगाया जा चुका है. चीन की सरकार ने अपने सैन्य परिसरों और कुछ सरकारी स्थानों पर टेस्ला की गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. साथ ही अमेरिका के टॉप ऑटो-सिक्योरिटी रेगुलेटर ने भी कंपनी के कम-सक्षम ऑटोपायलट सिस्टम की जांच शुरू की है, जिसमें दिसंबर के बाद से हुई 20 दुर्घटनाओं का हवाला दिया गया है, जिसमें ओवर-द-एयर सॉफ्टवेयर अपडेट हासिल करने वाले वाहन शामिल हैं.

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